शिवराज ने किया सरकार के फैसले का विरोध, कहा- कांग्रेस को हार का डर

9/25/2019 3:32:28 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया है। कमलनाथ सराकर ने नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव पर महुर लगा दी है।अब महापौर का चुनाव सीधे न होकर चुने गए पार्षदों के जरिए होगा। सरकार के इस फैसले के बाद विरोध शुरु हो गया है। मप्र के पूर्व सीएम शिवराज चौहान ने इसका कड़ा विरोध किया है। शिवराज ने कहा इससे जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ सरकार ने हार के डर से यह फैसला लिया है। 

 


पूर्व सीएम शिवराज ने कहा पार्षदों द्वारा सीधे नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष चुनने के जो प्रस्ताव कांग्रेस लाई है, इससे जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त के उसके कुत्सित प्रयास को बल मिलेगा। हम माँग करते हैं कि जनता पूर्ववत महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत के अध्यक्ष को भी चुने। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को डर है कि अगर जनता से चुनाव होगा तो बीजेपी जीतेगी और पार्षदों से होगा तो हम खरीद फरोख्त कर उठा पटक करेंगे। यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है और हार के डर से खरीद-फरोख्त करना यह कुत्सित प्रयास है हम इसका विरोध करते हैं।

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भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने कांग्रेस सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह जनता के अधिकारों पर कुठारघात है और वह इस फैसले का हर स्तर पर विरोध करेंगे।

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बता दें  कि कमलनाथ सरकार ने नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव के प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में मुहर लगा दी है। इसके बाद अब जनता सीधे महापौर को नहीं चुनेगी। इससे पहले तक जनता सीधे महापौर को चुनती थी। लेकिन इस फैसले के बाद अप्रत्यक्ष तरीके से महापौर और नगर निगम के सभापति का चुनाव होगा। नगर निगम के महापौर समेत नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के जरिए ही होगा।

 

 


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Vikas kumar

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