स्कूल चाहिए, शराब दुकान नहीं” सरकार के फैसले के खिलाफ फूटा जनाक्रोश, 10 पंचायतों के ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन

Wednesday, Nov 05, 2025-02:11 PM (IST)

दुर्ग/बोरी (हेमंत पाल) : बोरी क्षेत्र में प्रस्तावित शराब दुकान को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है। बुधवार दोपहर 12 बजे बोरी बाजार चौक पर आसपास के 10 ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीणों ने एकजुट होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग बड़ी संख्या में शामिल हुए।

मौके पर गूंजते नारों से पूरा बाजार चौक गूंज उठा
शराब दुकान नहीं चलेगी!
हमें स्कूल चाहिए, शराब नहीं चाहिए!
रोजगार दो, नशा छोड़ो!

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10 पंचायतों की एकजुटता गांव से गांव तक फैला विरोध

इस विरोध में फुंडा, दनिया, बोरी, डोमा, पथरिया, नवागांव, पुरदा, टेकापार, तुमाखुद और सिलतारा पंचायतों के ग्रामीण पहुंचे। महिलाएं सिर पर बच्चों को उठाए मैदान में पहुंचीं, तो बुजुर्गों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा नशे ने कई घर तबाह कर दिए, अब गांव में और ज़हर नहीं घुलने देंगे।

गांव के बच्चों ने बैनर थामे रखा, जिन पर लिखा था
हमें स्कूल चाहिए, शराब दुकान नहीं।
शिक्षा का मंदिर दो, नशे की दुकान नहीं। इन मासूम आवाज़ों ने आंदोलन को भावनात्मक और सामाजिक दोनों ही रूपों में ताकत दी।

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दोनों ओर पहले से हैं दुकानें, फिर भी नया प्रस्ताव

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम बोरी से 6 किलोमीटर दूर ननकठी और 10 किलोमीटर दूर जालबांधा में पहले से ही शराब दुकानें संचालित हैं। इसके बावजूद बोरी में नई दुकान खोलने की तैयारी ने लोगों का विरोध बढ़ा दिया है। शराब दुकान की बिल्डिंग पहले से तैयार हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों में नाराज़गी और तेज़ हो गई है।

जन चौपाल में जनप्रतिनिधियों का समर्थन

विरोध स्थल पर आयोजित जन चौपाल में आसपास के पंचायतों के जनप्रतिनिधि भी पहुंचे। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि शासन को ग्रामीणों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए, अन्यथा आंदोलन का दायरा और बढ़ेगा। शासन एक ओर नशा मुक्ति की शपथ दिलाता है, और दूसरी ओर खुद नशे की दुकान खोलने जा रहा है  यह दोहरा रवैया बंद होना चाहिए।

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पुलिस बल तैनात, लेकिन रहा शांतिपूर्ण माहौल

संभावित स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने मौके पर भारी बल तैनात किया था। हालांकि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। ग्रामीणों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए साफ चेतावनी दी कि यदि बोरी या उसके आसपास शराब दुकान खोलने का निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र रूप लेगा।

ग्रामीणों की अपील

ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा हमें स्कूल, अस्पताल और रोजगार चाहिए, शराब दुकान नहीं। सरकार गांव की भलाई चाहती है तो नशा नहीं, शिक्षा को बढ़ावा दे।


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meena

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