पन्ना टाइगर रिजर्व में हुई सफलता पूर्वक गिद्धों की रेडियो टैगिंग, गिद्धों के आने-जाने के स्थानों एवं गतिविधियों पर रखी जाएगी नजर

2/12/2022 1:36:00 PM

पन्ना (टाइगर खान): पन्ना टाइगर रिजर्व ना सिर्फ बाघों बल्कि गिद्धों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। यहां पर गिद्धों की 7 प्रजातियां पाई जाती हैं। जिनमें से 4 प्रजातियां पन्ना टाइगर रिजर्व की निवासी प्रजातियां हैं और बाकी 3 प्रजातियां प्रवासी हैं। गिद्धों के प्रवास मार्ग हमेशा से ही वन्यप्राणियों प्रेमियों के लिए कुतूहल का विषय रहे हैं। गिद्ध केवल एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश ही नहीं बल्कि एक देश से दूसरे देश मौसम अनुकूलता के हिसाब से प्रवास करते हैं। गिद्धों के रहवासी एवं प्रवास के मार के अध्ययन के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व की ओर से भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून की मदद से गिद्धों की रेडियो ट्रैकिंग का कार्य प्रारंभ किया गया है।

 

पन्ना टाइगर रिजर्व में 25 गिद्धों को रेडियो टैगिंग किया जाएगा। रेडियो टैगिंग  की अनुमति भारत सरकार से भी प्राप्त हो चुकी है। रेडियो टैगिंग से गिद्धों के रहवासी प्रवास के मार्ग एवं पन्ना लैंडस्केप में उनकी उपस्थिति आदि की जानकारी ज्ञात हो सकेगी। जिससे भविष्य में उनके प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।

कैसे की गई गिद्धों की रेडियो टैगिंग?

एक साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिर पन्ना टाइगर रिजर्व में सफलतापूर्वक गिद्धों की रेडियो ट्रैकिंग की गई। टाइगर रिजर्व प्रबंधन का मानना है कि संभवत देश में प्रवासी गिद्धों की यह पहली सफलतापूर्वक की गई, रेडियो टैगिंग है। पहले भी पन्ना टाइगर रिजर्व में 3 गिद्धों की रेडियो टैगिंग की गई थी। यह तीनों ही पन्ना टाइगर रिजर्व के रहवासी गिद्ध थे। इसके बाद प्रवासी गिद्धों के रेडियो ट्रैकिंग में सफलता नहीं मिल पाई थी। लेकिन लगभग एक साल के प्रयास के फलस्वरूप अब पन्ना टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र गहरी घाट के झालर घास मैदान में यूरेशियन ग्रिफिन गिद्ध की रेडियो टैगिंग करने में सफलता मिली है।

झालर घास मैदान में 5 गिद्धों की रेडियो टैगिंग

गिद्ध का वजन करीब 8 किलोग्राम है। गिद्ध पर डाले गए रेडियो का वजन सोलर चार्जर सहित 90 ग्राम है। पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर की मानें तो रेडियो ट्रैकिंग के बाद गिद्धों को झालर मैदान में ही छोड़ा गया है। झालर घास मैदान में 5 गिद्धों की रेडियो टैगिंग की गई है। जिसमें से एक हिमालय ग्रिफिन है, जो प्रवासी गिद्ध है तथा शेष चार रेड हिडेड गिद्दे हैं। प्रवासी गिद्धों की रेडियो टैगिंग से गिद्धों के आने-जाने के स्थान, मार्गो एवं अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकेगी। गिद्धों की रेडियो टैगिंग के समय भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के पक्षी विशेषज्ञ एवं पन्ना टाइगर रिजर्व का जमीनी अमला शामिल रहा है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Devendra Singh

Recommended News

Related News