छत्तीसगढ़ में दम तोड़ रही उज्जवला योजना, कीमतें ज्यादा होने के कारण लोगों के पहुंच से दूर हो रहे सिलेंडर

6/16/2022 4:18:04 PM

रायगढ़ (पुनीराम रजक): रायगढ़ में केंद्र सरकार की उज्जवला योजना 2022 (ujjwala yojana 2022) दम तोड़ रही है। आपको जानकर हैरत होगी कि पिछले तीन महीने में उज्जवला योजना (ujjwala yojana 2022) के तहत एक भी हितग्राही को कनेक्शन नहीं मिला है और तो और सिलेंडरों की रिफलिंग कराने वाले उपभोक्ताओं की संख्या भी 35 फीसदी के आसपास है। ऐसे में योजना के क्रिय़ान्वयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में भाजपा जहां राज्य सरकार पर केंद्र की योजना की अनदेखी का आरोप लगा रही है तो वही कांग्रेस गैस की बढ़ी कीमतों को इसका कारण बता मोदी सरकार (modi government) पर निशाना साध रही है।  

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11 हजार हितग्राहियों का अपडेट नहीं हैं KYC 

दरअसल केंद्र सरकार ने बीपीएल परिवारों (BPL Family) को नि:शुल्क गैस कनेक्शन देने उज्जवला योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत सभी जिलों को गैस कनेक्शन के लिए टारगेट भी दिया गया था। रायगढ़ जिले की बात करें तो जिले में साल 2020 तक ढाई लाख हितग्राहियों को कनेक्शन बांटे गए थे। हालांकि इसके बाद योजना पर ब्रेक लग गया था। अब जब केंद्र सरकार ने योजना का रिव्यू किया तो पता चला कि जिले के तकरीबन 11 हजार हितग्राहियों का KYC  ही अपडेट नहीं हैं। ये उपभोक्ता कहां हैं? इसकी जानकारी विभाग के पास भी नहीं है।

कीमत ज्यादा होने की वजह से विफल हो रही है उज्जवला योजना: कांग्रेस  

इतना ही नहीं जिले में सिर्फ 35 फीसदी उपभोक्ता ही सिलेंडरों की रिफलिंग करा रहे हैं। जबकि बाकी के उपभोक्ताओं ने रिफलिंग बंद कर दी है। ग्रामीण इलाकों में जिन सहकारी समितियों को गैस एजेंसी के संचालन का जिम्मा दिया गया था, लेकिन वह भी घाटे का हवाला देकर एजेंसी बंद करने की तैयारी में है। मामले को लेकर कांग्रेस का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार ने सिर्फ टारगेट पूरा करने कनेक्शन बांटे। घरेलू गैस की कीमतें इतनी अधिक है कि उपभोक्ता योजना से दूरी बना रहे हैं।

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योजना के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है कांग्रेस: बीजेपी 

बीजेपी, राज्य सरकार पर केंद्र की योजना के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगा रही है। भाजपा (bjp) का कहना है राज्य सरकार (state government) को हितग्राहियों को मोटिवेट करना चाहिए। ईंधन के रूप में ग्रामीण लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं, जंगल में अवैध कटाई हो रही है। राज्य सरकार को इस पर विचार कर लोगों रसोई गैस कि रिफिलिंग को लेकर मोटिवेट करना चाहिए।  

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खाद्य विभाग ने कही ये बात

मामले में खाद्य विभाग भी रिफिलिंग के आंकड़ों में कमी की बात स्वीकार कर रहा है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में लकड़ियां आसानी से उपलब्ध होने की वजह से रिफिलिंग के आंकड़ों में थोड़ी कमी है। कनेक्शन धारियों को मोटिवेट किया जा रहा है। केंद्र से रसोई गैस के दामों में भी कमी की गई है। ऐसे में रिफिलिंग की संख्या बढ़ेगी।
    


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News Editor

Devendra Singh

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