दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों को 'अछूत' मानकर सामूहिक बहिष्कार, शुद्धिकरण के लिए मांगा मांसाहारी भोजन

6/13/2019 12:35:01 PM

राजगढ़: जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां रेप आरोपी छोटी जाति का होने के कारण पीड़िता के परिजनों को गांव के पंचों ने तुगलकी फरमान सुनाया है। मामले में जिले के नरसिंहगढ़ ब्लॉक के डूंगरपुरा गांव में चार महीने पहले हुए एक किशोरी से रेप मामले में पंचों ने पीड़िता के शुद्धिकरण के लिए उसके परिवार को भंडारा कराने का आदेश दिया है।

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जानकारी के अनुसार, नरसिंहगढ़ के डूंगरपुरा गांव में एक 17 साल की नाबालिग के साथ गांव के ही सियाराम नाम के युवक ने जबरन दुष्कर्म किया था। जिसकी रिपोर्ट पीड़ित परिवार ने पुलिस में की। लगभग आठ दिन बाद एफआईआर के बाद आरोपी को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया। लेकिन समाज ने लड़की की शुद्धि के लिए अजीब फरमान सुनाया। जिसमें उन्हें गांव में भंडारा कराने के लिए कहा गया है।

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इतना ही नहीं जब तक शुद्धिकरण नहीं करवाया जाता तब तक परिवार का समाज से बहिष्कार कर दिया गया है। इस अजीब फैसले से पीड़ित परिवार परेशान है। परिवार को न तो सामाजिक कार्यक्रमों में बुलाया जा रहा है और न ही कोई उनके घर में किसी कार्यक्रम में आ रहा है। ऐसे में पीड़िता के माता-पिता राजगढ़ पहुंचे और अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई। गांव वालों के इस अजीब फैसले की शिकायत मानव अधिकार आयोग में भी की गई है।

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इस अजीब फरमान में आसपास के गांवों के लोग भी शामिल
इस फरमान के लिए गांव के लोग ही नहीं बल्कि आसपास को गांव के लोग भी शामिल हुए। सभी की मौजूदगी में पंचनामा तैयार किया गया जिस पर पीड़िता के माता-पिता के भी हस्ताक्षर कराए गए। लेकिन गरीब परिवार होने के कारण वह अभी तक भंडारा नहीं करा पाए। ऐसे में पीड़ित परिवार का गांव के साथ ही आस-पास के लोगों ने बहिष्कार कर दिया है। हद तो तब हो गई जब हाल ही में एक आयोजन पीड़ित परिवार के घर भी हुआ लोकिन किसी व्यक्ति ने कार्ड तक स्वीकार नहीं किया।


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meena

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