स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 शुरू, लेकिन MP का रीवा सफाई से कोसों दूर
10/7/2019 5:20:56 PM
सतना (रविशंकर पाठक): मध्यप्रदेश में रीवा नगर निगम अभी तक कागज में मैनेजमेंट सिस्टम के आधार पर स्वच्छता अभियान के नाम पर पुरस्कार जीतता आया है। लेकिन अब परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं। मध्यप्रदेश में पंद्रह साल का वनवास काट कांग्रेस सरकार आई है, लेकिन बदलाव वैसा नहीं जैसा चुनाव के दौरान वादों में किया गया था।
देश भर के शहरों के बीच स्वच्छता को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा साल 2015 से निरंतर देखने को मिल रही है, विंध्य क्षेत्र के रीवा और सतना जिले को भी सफाई के मुकाबले में जगह दी गई है। स्वच्छता अभियान 2019 को लेकर काउन डाउन शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले ने लगातार सफाई के मामले में नाम कमाया है। रीवा नगर निगम स्वच्छता के मुकाबले को लेकर कितना गंभीर है इसका ताजा उदाहरण इन दिनों शहर के सिरमौर चौराहे पर फ्लाईओवर के नीचे बनी रोटरी पर विंध्य की पहचान व्हाईट टाइगर की फोटो लगाकर यह मैसेज देने का काम किया है अपने शहर को साफ सुथरा रखने में सहयोग करें। इस अपील वाली होर्डिंग के ठीक पीछे भारत रत्न देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा दूसरे रोटरी पर स्थापित है।
एक तो वैसे ही रीवा नगर निगम के अधिकारियों को कभी जिम्मेदारियों को लेकर गंभीर नहीं देखा गया है। मध्यप्रदेश में पंद्रह साल तक राज करने वाली भाजपा सरकार के जमाने में विंध्य क्षेत्र के रीवा, सतना और सीधी के लिए संयुक्त रूप से एक प्रोजेक्ट लागू किया गया। रेमकी कंपनी को स्वच्छता से संबंधित महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के बाद रीवा शहर से साफ सफाई का माहौल गायब होने लगा। नगर निगम, नगर परिषद क्षेत्रों के घर घर कचरा कलेक्शन का काम लीपापोती के साथ पूरा किया जा रहा है। रीवा और सतना नगर निगम क्षेत्रो से लगातार यह शिकायत अधिकारियों तक पहुंचती है कि कहीं चार दिन कहीं सप्ताह भर से कचरा लेने के लिए कचरा वाहन नहीं पहुंच रहा है। शिकायतों के बाद नगर निगम के अधिकारी रेमकी कंपनी पर कामकाज को लेकर बराबर दबाव बनाने का प्रयास करते हैं पर उससे कंपनी की लीपापोती नहीं बंद हो रही है। रिहायशी कालोनियों में सड़कों पर जगह-जगह कचरे का ढेर और फैली दुर्गंध जैसे हालातों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। रीवा और सतना नगर निगम में कचरा वाहनों के मामले में रेमकी कंपनी ने फर्जी आंकड़े बना रखे हैं।