सरकारी अधिकारी को धमकाने पर है इतने साल की जेल का प्रावधान! लेकिन BJP विधायक के खिलाफ अब तक कोई शिकायत तक नहीं...

Sunday, Aug 31, 2025-02:25 PM (IST)

भोपाल। (हिमांश शर्मा): मध्य प्रदेश के भिंड जिले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के साथ विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह द्वारा कथित दुर्व्यवहार के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के विरोध में मध्य प्रदेश आईएएस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलकर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

ये खबर भी पढ़ें- भिंड बवाल: IAS एसोसिएशन ने कहा- अफसरों को धमकाना बर्दाश्त नहीं" CM से की मुलाकात

सूत्रों के मुताबिक, एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को एक विस्तृत विरोध पत्र सौंपते हुए कहा कि 27 अगस्त 2025 को भिंड में घटी यह घटना न केवल प्रशासनिक सेवा की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर भी सवाल खड़ा करती है।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि किसी भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि द्वारा अधिकारी को धमकाना या अपमानित करना शासन की व्यवस्था को अस्थिर करने जैसा है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

PunjabKesari

जानिए क्या है पूरा मामला 

भिंड जिले में खाद की कमी को लेकर भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए थे। विधायक ने कलेक्टर से सीधे मिलने और बात करने की मांग की, लेकिन कलेक्टर ने मिलने से इंकार कर दिया। इससे नाराज होकर कुशवाह ने गुस्से में हाथ उठाकर थप्पड़ मारने का इशारा किया और गाली-गलौज शुरू कर दी।

इस दौरान विधायक के समर्थकों ने भी कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी की और ‘भिंड कलेक्टर चोर है’ के नारे लगाए। विवाद उस समय और बढ़ गया जब कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव मेन गेट पर आए और विधायक की हरकतों पर रोक लगाई। कलेक्टर ने कहा कि बातचीत के लिए औकात में रहना जरूरी है। एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें कलेक्टर ने कहा  की रेत चोरी नहीं चलेगी तब विधायक बोले की सबसे बड़ा चोर तो तू है।

PunjabKesariकांग्रेस बोली भाजपा विधायक धमकाने की कोशिश कर रहे थे 

वहीं मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भिंड में हुए घटनाक्रम पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा विधायक कलेक्टर के बंगले में घुसकर उन्हें धमकाने और हाथ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

सिंघार ने कहा कि यह स्थिति प्रदेश की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम है। पूरे प्रदेश के किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके प्रशासनिक अधिकारी लगातार जनप्रतिनिधियों और किसानों की समस्याओं को सुनने से इनकार कर रहे हैं।

सरकारी अधिकारी को धमकी देने पर हो सकती है ये सजा 

सरकारी अधिकारी को धमकी देने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 189 के तहत दो साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. यदि धमकी किसी लोक सेवक को उसके आधिकारिक कर्तव्यों को पूरा करने से रोकने के लिए दी जाती है, तो धारा 353 के तहत भी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें दो साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त, यदि धमकी में शारीरिक नुकसान पहुंचाने की बात शामिल है, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत भी सजा का प्रावधान है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Himansh sharma

Related News