डायल 112 को लेकर घोटाले का शोर, हकीकत में निकली अफवाह
Monday, Sep 15, 2025-03:03 PM (IST)

भोपाल (इज़हार ख़ान): मध्यप्रदेश पुलिस की डायल 112 सेवा को लेकर सोशल मीडिया पर घोटाले का शोर मच गया है। सोशल मीडिया यूजर मुकेश कुमार वर्मा सहित कई यूजर ने X पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि सरकार ने 1200 गाड़ियों (600 स्कॉर्पियो और 600 बोलेरो) की खरीद पर लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। उनके मुताबिक, इसका मतलब हुआ कि हर गाड़ी की कीमत करीब 1.25 करोड़ रुपये पड़ी। उन्होंने तंज करते हुए लिखा कि “शायद इन गाड़ियों में रॉकेट इंजन लगा हो, तभी इतनी कीमत आई होगी।”
मुकेश की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और कई यूजर्स ने इसे बड़ा घोटाला करार दिया। इसी बीच किसी यूजर ने इस मामले की हकीकत जानने के लिए X के एआई चैटबॉट ‘Grok’ से सवाल किया।
Grok ने बताया सच
Grok ने जवाब दिया कि यह दावा पूरी तरह गलत है। डायल 112 प्रोजेक्ट का कुल टेंडर लगभग 972 करोड़ रुपये का है, जिसमें गाड़ियां खरीदी नहीं गई हैं बल्कि किराए पर ली गई हैं। बोलेरो का किराया 32 हजार और स्कॉर्पियो का किराया 36 हजार रुपये प्रतिमाह है।इसके अलावा इस टेंडर में गाड़ियों का रख-रखाव, ईंधन, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टेट कमांड सेंटर और लगभग 5000 कर्मचारियों का वेतन भी शामिल है। यानी यह पूरा खर्च पांच साल की अवधि का है, न कि एक साल का।
सरकार का बयान
जनसंपर्क विभाग ने भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर फैले आरोप भ्रामक और गलत हैं। विभाग ने बताया कि कुल खर्च 972 करोड़ रुपये (5 वर्षों के लिए) है।इसमें 1200 गाड़ियों का किराया, रखरखाव और संचालन शामिल है।लगभग 5000 कर्मचारियों का वेतन (₹719.75 करोड़) और स्टेट कमांड सेंटर व आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी खर्च जोड़ा गया है।
नतीजा
सोशल मीडिया पर जिस ‘डायल 112 घोटाले’ की चर्चा हो रही थी, वह दरअसल एक भ्रामक दावा निकला। हकीकत यह है कि गाड़ियां खरीदी नहीं गईं, बल्कि किराए पर ली गई हैं और पूरा प्रोजेक्ट पांच साल की अवधि का है।