7 किमी लंबी शोभायात्रा में सिर पर कलश रख शामिल हुई हजारों महिलाएं, हुनमानमय हुआ पिृत पर्वत

Monday, Feb 24, 2020-05:42 PM (IST)

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में सोमवार को पितृ पर्वत पर चल रहे 108 टन वजनी हनुमानजी की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अद्भुत नजारा देखने को मिला। इस दौरान एयरपोर्ट स्थित श्रीश्री विद्याधाम से श्री पितरेश्वर धाम तक करीब 7 किमी लंबी शोभायात्रा निकाली गई। इसमें हजारों की संख्या में महिलओं ने एक जैसे वस्त्र पहनकर सिर पर कलश लेकर पितृ पर्वत पर विराजित हनुमानजी का आह्वान किया।

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इसमें श्रद्धालु हनुमान चालीसा और राम नाम की महिमा का गुणगान करते चले। इस यात्रा में मुख्य अतिथि के रुप राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शिरकत की। यात्रा की शुरुआत एरोड्रम रोड स्थित विद्याधाम से सुबह 11 बजे हुई। इस भव्य शोभायात्रा में बैंड - बाजे, संत समाज व महात्मा, मातृशक्ति और भजन मंडलियां गीत गाते हुए चलीं। शोभायात्रा के स्वागत के लिए जगह-जगह मंच लगाए लगाए गए थे।

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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि शोभायात्रा का मुख्य उद्देश्य श्री श्री विद्याधाम से बाल हनुमान और पूज्यनीय स्वरूपों को श्री पितरेश्वर धाम तक ले जाना है। शोभायात्रा में कई संतजन जिनमें मां कनकेश्वरी देवी, राष्ट्रीय संत उत्तम स्वामी, महामंडलेश्वर रामगोपालदास महाराज खातीपुरा राम मन्दिर, पीलिया खाल मंदिर के महामंडलेश्वर रामगोपालदास महाराज, महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास महाराज पंचकुइया,भानपुरा शंकराचार्य जगद्गुरु ज्ञानानन्द तीर्थ, महामंडलेश्वर चिन्मयानन्द महाराज विद्याधाम, महामंडलेश्वर चेतन्य स्वरूप अखण्डधाम, महामंडलेश्वर दादू महाराज मुख्य रूप से शामिल हुए।

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कलश यात्रा दौरान विधायक रमेश मेंदोला ने बताया कि आयोजन में भजन मंडलियों के साथ बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। शोभायात्रा का स्वागत 50 से ज्यादा मंचों से किया गया। उन्होंने बताया कि पितेश्वर धाम पर 24 फरवरी से 3 मार्च तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान यहां तीन कथाओं के साथ देशभर से आए बड़े संत प्रवचन देंगे। इसके बाद समापन अवसर पर 3 मार्च को नगर भोज होगा। इसमें हजारों श्रद्धालुओं के लिए 10 स्थानों पर नगर भोज होगा।

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आयोजन स्थल पर पांच हाईमास्ट और पूरी पहाड़ी पर हरी लाइट लगाई गई है। आयोजन में 24 फरवरी से उत्तम स्वामी महाराज की रामकथा और कनकेश्वरी देवी की शिव पुराण कथा होगी। इसके साथ ही महामंडलेश्वर चिन्मयानंद सरस्वती महाराज के सान्निध्य में नौ दिवसीय अतिरुद्र महायज्ञ होगा। इसके बाद समापन अवसर पर 3 मार्च को नगर भोज होगा।


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meena

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