शाकाहारी पत्रकारों को खिला दिया मांस! MP के मंत्री की PC में अनर्थ

Sunday, Dec 28, 2025-07:07 PM (IST)

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार को उस वक्त सियासी और सामाजिक बवाल मच गया, जब राज्य सरकार के मंत्री के सरकारी कार्यक्रम में नॉनवेज परोसे जाने का मामला सामने आया। सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियां गिनाने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोगों को कीमा वड़ा पाव और फिश कटलेट परोसा गया, जिससे कार्यक्रम का माहौल पूरी तरह बिगड़ गया।

बताया जा रहा है कि कई लोगों ने अनजाने में नॉनवेज खा भी लिया, लेकिन जैसे ही इसकी जानकारी लगी, कार्यक्रम स्थल पर हंगामा शुरू हो गया। नॉनवेज खाने वाले कुछ लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला बताते हुए आपत्ति जताई और इसे ‘धर्म भ्रष्ट’ तक करार दिया।

मामले ने पकड़ा तूल, मंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार

हंगामे की सूचना मिलते ही राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल ने तत्काल संज्ञान लिया और कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के एसीएस समेत संबंधित अधिकारियों को तलब किया। मंत्री ने कार्यक्रम स्थल से नॉनवेज स्नैक्स तुरंत हटवाए और अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल ने सफाई देते हुए कहा कि

नॉनवेज परोसने की न तो मेरी सहमति थी और न ही मेरे निर्देश। चाय-पानी की व्यवस्था देखने वाले अधिकारियों से गंभीर लापरवाही हुई है। इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

कांग्रेस ने साधा निशाना, सरकार की नीति पर उठाए सवाल

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्यकाल में यह स्पष्ट निर्णय लिया गया था कि किसी भी शासकीय आयोजन में मांसाहार नहीं परोसा जाएगा, सिवाय विदेशी मेहमानों की विशेष मांग के।

कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा,

“सबसे कम बजट वाले विभाग के कार्यक्रम में सबसे महंगा नॉनवेज नाश्ता परोसा जाना सरकार की नीति की खुली अवहेलना है। इससे सरकार की किरकिरी हुई है।

कांग्रेस नेताओं ने सरकार से मांग की कि

मांसाहारी भोज को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट की जाए

इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम उजागर किए जाएं

दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए

सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल, विपक्ष हमलावर

सरकारी कार्यक्रम में इस तरह की चूक ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि धार्मिक संवेदनशीलता से जुड़े मुद्दे को भी हवा दे दी है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और विपक्ष के आरोपों का क्या जवाब देती है।


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Content Editor

Himansh sharma

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