आधार कार्ड में एक छोटी सी गलती ने तोड़ा मजदूर पिता का सपना! बच्चे को स्कूल में नहीं मिली एडमिशन
Tuesday, Jul 01, 2025-08:32 PM (IST)

खंडवा (मुश्ताक मंसूरी) : मध्य प्रदेश के खंडवा में मंगलवार जनसुनवाई के दौरान अपनी पीड़ा बताते हुए एक पिता की आंखों से आंसू झलक उठे। रूंआसा होकर पिता ने कहा- आधार केंद्र से लेकर कलेक्ट्रेट और दिल्ली तक लगाए चक्कर। मैं नहीं पढ़ सका, बेटे को पढ़ाना चाहता हूं, लेकिन आधार कार्ड की वजह से मेरे बच्चे का भविष्य खराब हो रहा है। आधार कार्ड अपडेट नहीं होने की वजह से अब एडमिशन में दिक्कत आ रही है। बेटे का स्कूल जाना बंद कर दिया, उसकी पढ़ाई छुड़वाकर मजदूरी करवाना मजबूरी बन जाएगा।
दरअसल, खंडवा के सुरगांव जोशी गांव का एक गरीब मजदूर पिता पिछले एक साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अब भी उसके बेटे का आधार कार्ड ठीक नहीं हुआ। जितेंद्र सांवले अपने बेटे स्वराज को पढ़ा-लिखा इंसान बनाना चाहते हैं, लेकिन आधार कार्ड की एक तारीख ने उसके स्कूल में दाखिले पर ब्रेक लगा दिया है।
स्वराज सांवले नौवीं कक्षा का छात्र है, लेकिन आधार कार्ड में जन्मतिथि 8 जून 2011 की बजाय 28 जून 2011 दर्ज है। इस मामूली सी लगने वाली गलती ने उसकी शिक्षा की राह में बड़ी रुकावट खड़ी कर दी है। स्कूल प्रशासन इसे लेकर एडमिशन देने से मना कर रहा है। मजबूरी में स्वराज अब स्कूल नहीं जा रहा है।
दिल्ली से भी नहीं मिल सका समाधान
जितेंद्र कहते हैं, "मैंने अपनी जिंदगी में कभी स्कूल नहीं देखा। मजदूरी कर अपना पेट पाला, लेकिन अब चाहता हूं कि मेरा बेटा कुछ बन जाए।” वे बताते हैं कि अब तक आधार सेवा केंद्र, एसडीएम ऑफिस, कलेक्ट्रेट और यहां तक कि दिल्ली जाकर भी सुधार की कोशिश की, लेकिन हर जगह से उन्हें सिर्फ़ निराशा ही मिली। "पांच बार कलेक्टर ऑफिस जा चुका हूं, लेकिन हर बार एक ही जवाब- 'देखते हैं।' मैं मजदूरी छोड़कर कितनी बार आऊं? बच्चा पढ़ेगा नहीं तो क्या करेगा? अब तो मजदूरी ही करवाना पड़ेगा," कहते हुए जितेंद्र की आंखें भर आती हैं।
कलेक्टर ऋषव गुप्ता बोले - मामला गंभीर है, UIDAI से हमारी टीम संपर्क में है। सुधार कराएंगे।