पाकिस्तान के बाद मां हिंगलाज का MP में एकमात्र मंदिर, जहां मुस्लिम भी आते है दर्शन करने(Video)

10/20/2020 4:31:48 PM

छिंदवाड़ा(साहुल सिंह): देशभर में प्रसिद्ध मां हिंगलाज का एकमात्र प्राचीन मंदिर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित है। दूसरा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में है, जहां हिन्दुओं के अलावा मुस्लिम परिवार भी दर्शन करने पहुंचते हैं। यह हिंगलाज मंदिर छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर उमरेठ थाना क्षेत्र के अम्बाड़ा में है। नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है। इस मंदिर में शारदीय नवरात्र पर हजारों कलश स्थापित किए जाते हैं।

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हजारों सालों पुराना है इस मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। बताया जाता है कि 112 वर्ष पूर्व 1907 में कोलमाइनस के अंग्रेज मालिक ने अपने कर्मचारियों को मूर्ति हटाने का काम सौंपा था, लेकिन मजदूरों की तमाम कोशिशों के बावजूद मूर्ति हिली तक नहीं थी और जब मालिक घर जाकर सो गया। उसे सपने में हिंगलाज माता आई और मूर्ति न हटाने की चेतावनी दी थी। अगली सुबह अंग्रेज ने यह बात मजदूरों को बताई और फिर से मूर्ति हटाने के आदेश दे कर पत्नी के साथ खदान में अंदर घूमने चला गया। इधर, मजदूर मूर्ति हटाने का प्रयास करने लगे और दूसरी ओर जैसे ही अंग्रेज खदान के अंदर गया, खदान में पत्थर धंसका और अंग्रेज खदान में जिंदा दफन हो गया। कहा जाता है कि उस रात वहां तेज विस्फोट हुआ और आग की लपटें निकलीं। हिंगलाज माता की मूर्ती अपने आप उठकर जंगलों में आकर विराजमान हो गई। कुछ समय बाद लोगों को जंगलों में इमली के पेड़ के नीचे हिंगलाज माता की मूर्ती मिली और फिर यहां उनका मंदिर बनाया गया।

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दूर दूर से दर्शन के लिए आते हैं भक्त
 हिंगलाज मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। माता रानी के प्रति लोगों की आस्था इस कदर है कि नवरात्र में हर दिन दस हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने और आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। मान्यता है कि मां के दरबार में लगाई गई हर अर्जी पूरी होती है। मां हिंगलाज का दूसरा मंदिर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हैं, जिसके प्रति हिन्दुओं के अलावा मुस्लिमों में भी अटूट आस्था है। हिन्दू नव वर्ष और चैत्र व कुवार नवरात्र के दौरान मां हिंगलाज के दर्शन करने अम्बाड़ा में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। महिलाओं और पुरुषों की लंबी कतार दर्शन करने के लिए लगती है। देश में माता हिंगलाज का एक मात्र मंदिर होने के कारण देशभर से लोग माता के दर्शन करने पहुंचते है। नवरात्रि के अलावा साल भर यह भक्तों का तांता लगा रहता है।
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पुराण में भी है हिंगलाज माता का जिक्र
माता का यह मंदिर हिंगलाज देवी शक्तिपीठ के नाम से ख्यात है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के चक्र से कटकर यहां पर देवी सती का सिर गिरा था। इसलिए यह स्थान चमत्कारी और दिव्य माना जाता है। हिंगलाज देवी के विषय में ब्रह्मवैवर्त पुराण में जिक्र है कि जो एक बार माता हिंगलाज के दर्शन कर लेता है उसे पूर्वजन्म के कर्मों का दंड नहीं भुगतना पड़ता है। बलूचिस्तान में माता हिंगलाज माता वैष्णों की तरह एक गुफा में बैठी हैं। अंदर का नजारा देखेंगे तो आप भी कहेंगे अरे हम तो वैष्णो देवी आ गए, यह अहसास ही नहीं होगी इस्लाम देश पाकिस्तान में हैं।
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ये है इस मंदिर की खासियत
मां हिंगलाज मंदिर शारदीय नवरात्र में हजारों कलश स्थापित किए जाते है जो देखते ही बनते है। इस वर्ष 2160 मनोकामना कलशो की ज्योत से मंदिर दमक रहा है। अम्बाड़ा स्थित मां हिंगलाज शक्तिपीठ मे शारदीय नवरात्र शुरू होते ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ने लगा है। नवरात्र में समूचे हिंगलाज मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इसके अलावा स्थापित किए गए हजारों की तादाद में मनोकामना कलश से महाआरती की जा रही हैं। प्रति वर्ष कलश की संख्या मे वृद्धि होना लोगों में मां हिंगलाज के प्रति असीम श्रद्धा व आस्था को दर्शाता है छिंदवाड़ा सहित आसपास के जिलों में इतनी ज्यादा तादाद में कलश स्थापित नहीं किए जाते हैं।

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जिले के पुलिस कप्तान ने माता के दरबार मे लगाई हाजिरी
जिले के पुलिस कप्तान विवेक अग्रवाल ने अंबाड़ा में स्थित विश्व प्रसिद्ध माँ हिंगलाज मंदिर पहुँचकर माता रानी के दरबार मे हाजिरी लगाई और जिले की शांति अमन के लिए माँ से प्राथना की मीडिया से चर्चा के दौरान कप्तान ने कहा कि में मंदिर पहुंचकर बहुत सुखद अनुभव कर रहा हूं , मन्दिर समिति द्वारा कोरोना काल मे सारे नियमों का पालन कर रहे है सभी आने जाने वाले भक्तों को मास्क , सेनेटाइजर सहित सारे कोरोना काल नियमों का पालन किया जा रहा है। सभी आने जाने वालों सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है।

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