गोडसे भक्त की एंट्री के साथ दो फाड़ हुई कांग्रेस! पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बोले- मैं खामोश नहीं बैठूंगा

2/26/2021 5:36:43 PM

भोपाल(इजहार हसन खान): मध्य प्रदेश में हिंदू महासभा के नेता बाबू लाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर मध्य प्रदेश में एक नई बहस छिड़ गई है। एक तरफ महात्मा गांधी के हत्यारे के समर्थक को कांग्रेस में शामिल होने पर बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं वहीं कांग्रेस में भी इसके विरोध में स्वर उठने लगे हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि मैं पार्टी के इस फैसले से जरा भी सहमत नहीं हूं। मैं खामोश नहीं बैठ सकता।

PunjabKesari

दरअसल, गुरुवार को ग्वालियर में पूर्व सीएम कमलनाथ, विधायक प्रवीण कुमार व अन्य कांग्रेस नेता की मौजूदगी में हिंदू महासभा का बड़ा नेता बाबूलाल चौरसिया कांग्रेस में शामिल हो गया। इस पर जहां बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा वहीं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व कांग्रेस के सिनियर नेता अरुण यादव ने भी कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं। जहां तक कि उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बापू हम शर्मिदा हैं।


उन्होंने खुद को कट्टर कांग्रेस बताते हुए कहा कि मैंने आरआरएस विचारधारा को लेकर लाभ हानि की चिंता किये बगैर जबानी जंग नहीं बल्कि सड़कों पर उतर कर लड़ाई की है। जिस संघ कार्यालय में कभी तिरंगा नहीं लगता है, वहां इंदौर के संघ कार्यालय (अर्चना) पर कार्यकर्ताओं के साथ जाकर मैंने तिरंगा फहराया। देश के सारे बड़े नेता कहते है कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था। आज गोडसे की पूजा करने वाले की कांग्रेस में प्रवेश को लेकर वे सब खामोश क्यों है ?

PunjabKesari, arun Yadav

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि यदि यही स्थिति रही तो आतंकवाद से जुड़ी भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर, जिसने गोडसे को देशभक्त बताया है, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मैं प्रज्ञा ठाकुर को जिंदगीभर माफ नहीं कर सकता हूं। यदि वो भविष्य में कांग्रेस में प्रवेश करेगी तो क्या कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी ?

PunjabKesari

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने आगे कहा कि अपनी ही सरकार में कमलनाथ ने इन्हीं बाबूलाल चौरसिया और उनके सहयोगियों का ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने और पूजा करने के विरोध में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इन स्थितियों में जब संघ और पूरी भाजपा एकजुट होकर महात्मा गाधीजी, नेहरू जी और सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के चेहरे को षणयंत्रपूर्वक नई पीढ़ी के सामने भद्दा करने की कोशिश कर रही है, तब काग्रेस की गांधीवादी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे सिपाही के नाते में नहीं बैठ सकता हूं। यह मेरा वैचारिक संघर्ष किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं होकर काग्रेस पार्टी की विचारधारा को समर्पित है। इसके लिए मैं हर राजनीतिक क्षति सहने को तैयार हूं ।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

meena

Recommended News

Related News