MP की तर्ज पर महाराष्ट्र ने 'बीजेपी' ने खेला दांव, सिंधिया के बाद एकनाथ शिंदे पलटेंगे 'उद्धव सरकार'

6/22/2022 6:29:56 PM

भोपाल/महाराष्ट्र: इस समय देश की निगाहे महाराष्ट्र में मची सियासी उपलपुथल (political crisis in maharashtra) पर है। कभी भी उद्धव ठाकरे सरकार (uddhav thackeray government) गिर सकती है। क्योंकि इसके संकेत शिवसेना सांसद संजय राउत (shivsena mp sanjay raut) ने दिए हैं। उनके मुताबिक शिवसेना (shivsena) खुद राज्यपाल से विधानसभा (maharashtra assembly) भंग करने का अनुरोध कर सकते हैं। लेकिन एक बाद जरूर गौर करने लायक है और वह यह है कि मध्य प्रदेश में आज से ठीक सवा दो साल पहले इसी तरह का सियासी घटनाक्रम मध्य प्रदेश में भी देखने को मिला था। ऑपरेशन लोटस के जरिए चुनाव हार कर भी बीजेपी ने कई राज्यों में सरकार बनाकर वापसी की। 

सिंधिया ने पलटी थी कमलनाथ की जीत हुई बाजी

ऐसे में महाराष्ट्र (maharashtra) के ताजा सियासी संकट को देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि भाजपा (bjp) का आजमाया हुआ फॉर्मूला प्लानिंग के साथ सेट है। इससे पहले मध्यप्रदेश में बीजेपी, कांग्रेस की 15 महीने पुरानी सरकार को पलट कर सत्ता पर काबिज है। मध्यप्रदेश में सिंधिया (scindia rebel) बागी हुए थे, लेकिन आज महाराष्ट्र में शिंदे ने शिवसेना (shivsena) से नाता तोड़ चुके हैं। 

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एमपी की स्क्रिप्ट से महाराष्ट्र में सरकार गिराने का दांव

महाराष्ट्र में जारी पॉलिटिकल ड्रामा (political drama in maharashtra) किस तरफ जाएगा यह भी लगभग तय माना जा रहा है। महाराष्ट्र के 42 बागी विधायक गुवाहाटी (rebel mla in guwahati) के होटल में हैं। शिवसेना अपने विधायकों को व्हिप जारी कर बैठक में शामिल होने का फरमान जारी कर रही है। लेकिन देखा जाए तो यहां सब कुछ मध्यप्रदेश की तर्ज पर बीजेपी की तैयार की हुई स्क्रिप्ट (script ready on mp based) के मुताबिक ही नजर आता है।  

एकनाथ शिंदे की पार्टी में हो रही थी अनदेखी 

ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiradiya scindia) 22 विधायकों को साथ लेकर बागी हुए थे। वे पार्टी में असहज महसूस कर रहे थे। पार्टी नेतृत्व उनकी लगातार अनदेखी कर रहा था। यही कहानी महाराष्ट्र में दोहराई जा रही है। शिवसेना (shivsena) के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे (eknath shinde), उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) की अघाड़ी सरकार में असहज महसूस कर रहे हैं। सीएम उन्हें मिलने का समय नहीं देते, उनके प्रोजेक्ट की फाइल रोक देते थे। शिवसेना विधायकों को विकास के लिए फंड मुहैया नहीं कराया जा रहा। शिंदे इन विधायकों की आवाज बने। 

क्रॉस वोटिंग करके एकनाथ ने दिए थे बगावत के संकेत

एमएलसी चुनाव (mlc election in maharashtra) में एकनाथ शिंदे ने अघाड़ी सरकार (aghadi government) को अपने समर्थक विधायकों के जरिए क्रॉस वोटिंग कराकर और बीजेपी (bjp) के राज्यसभा में तीसरे उम्मीदवार की जीत आसान कराकर अपनी नाराजगी जताई। इससे पहले कि सीएम उद्धव (cm uddhav), शिंदे के खिलाफ कोई एक्शन ले पाते, वे अपने समर्थक विधायकों को लेकर सूरत पहुंच गए। अघाड़ी सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगी। ठीक इसी तरह 2 साल पहले मध्यप्रदेश में सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने किया था। 

गुटबाजी में जकड़ी महाराष्ट्र सरकार

मध्य प्रदेश में कांग्रेस कमलनाथ, दिग्विजय और ज्योतिरादित्य सिंधिया (kamal anth, digvijaya singh and jyotiradiya scindia) के गुटों में बंटी हुई थी। इसी तरह महाराष्ट्र में तीन दलों शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी (shivsena, NCP, congress) की महाअघाड़ी सरकार है। जिसमें गुटबाजी चरम पर है और बीजेपी के लिए सत्ता परिवर्तन कराने का यह आसान साधन बनती है। बागी होने का संकेत देते हुए सिंधिया (scindia) ने पहले अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस लीडर हाटकर कॉमन मैन लिख दिया था। ठीक इसी तरह उद्धव सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे (eknath shinde) ने अपने बायो से शिवसेना हटा दिया है। 

प्लानिंग के साथ बगावत 

मध्यप्रदेश (madhya pradesh) की तर्ज पर पूरी प्लानिंग के साथ उद्धव सरकार (uddhav government) को गिराने का खाका तैयार किया गया है। कमलनाथ सरकार (kamal nath government) बनी, तब कांग्रेस की खुद की 114 सीट थी। 7 अन्य विधायक और निर्दलियों का समर्थन भी सरकार को मिला हुआ था। बहुमत का आंकड़ा 116 था और सरकार को 121 विधायकों का समर्थन हासिल था। तब उस समय BJP के पास 109 सीट थी। 15 महीने चली कमलनाथ सरकार के 22 विधायक सिंधिया के समर्थन में बागी हो गए और कमलनाथ की सरकार गिर गई। यही सियासी समीकरण अब महाराष्ट्र (maharashtra) में दिखाई दे रहा है।  

एकनाथ का गुवाहाटी में नया डेरा 

शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे (shivsena leader eknath shinde) ने पूरी प्लानिंग के साथ बगावत को अंजाम दिया है। सूरत (surat) में शिंदे समर्थक 25 बागी विधायकों की मौजूदगी से शुरू हुआ सिलसिला 42 से ज्यादा विधायकों तक पहुंच चुका है। शिंदे समर्थक विधायक सूरत से गुवाहाटी (guwahati) उड़ चुके हैं और इस खेल के पीछे सक्रिय लोग अघाड़ी सरकार (agadhi government) की फिल्म का दी एंड होने की राह तक रहे हैं।

समर्थक विधायकों के नाम राज्यपाल को सौंपी चिट्ठी

वहीं शिवसेना (shivsena)  ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके अपने विधायकों को शाम को सीएम हाउस पहुंचने के निर्देश दिए। इसके कुछ ही देर बाद एकनाथ शिंदे के ट्वीट (tweet of eknath shinde) कर शिवसेना के व्हिप को अवैध घोषित कर दिया। उन्होंने पूर्व व्हिप चीफ सुनील प्रभु को हटाकर भरत गोगावले को अपना चीफ व्हिप नियुक्त कर दिया है। यानी शिंदे अब शिवसेना पर दावा ठोक रहे हैं। उन्होंने अपने समर्थक 34 विधायकों के नाम वाली चिट्ठी भी स्पीकर और राज्यपाल को सौंपी है। 

कुछ और छोड़ सकते हैं शिवसेना का 'दामन'

शिंदे 46 विधायकों के होने का दावा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि गुवाहाटी में अभी 33 शिवसेना के विधायक और 2 निर्दलीय विधायक मौजूद हैं। शिवसेना के 2 और विधायक संजय राठौड़ और जोगेश कदम भी वहां डेरा डाल चुके हैं। इनके अलावा तीन और विधायक योगेश कदम, मंजूला गावित और गोपाल दल्वी के भी गुवाहाटी पहुंचने की संभावना है। 


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News Editor

Devendra Singh

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