महाकाल मंदिर में सबसे पहले दिवाली, भगवान को लगा उबटन, पुजारियों ने फुलझड़ी जलाकर महाकाल के साथ मनाई दिवाली
Monday, Oct 24, 2022-11:34 AM (IST)

उज्जैन(विशाल सिंह): हिंदू परंपरा का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का पर्व भगवान महाकाल के मंदिर में तड़के होने वाली भस्म आरती के साथ आरंभ हुआ। मान्यता है कि सभी त्योहारों की शुरुआत सबसे पहले महाकाल मंदिर से की जाती है। सोमवार को तड़के हुई भस्म आरती में सबसे पहले पंडे पुजारियों ने फुलझड़ी जलाकर इस पर्व की शुरुआत की रूप चौदस और दिवाली पर्व एक ही दिन होने से सुबह होने वाली भस्मारती के दौरान भगवान महाकाल को अन्नकूट के साथ पुजारी परिवार की महिलाओं ने महाकाल को उबटन लगाया।
रोशनी का पर्व दिवाली पर बाबा महाकाल के आंगन में अल सुबह 4:00 बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान महाकालेश्वर भगवान को गर्म जल से स्नान कराकर बाबा महाकाल का विशेष दूध, दही, घी,शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया भांग, चंदन, सिंदूर और आभूषणों से राजा के रुप में शंगार किया गया मस्तक पर तिलक और सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत चढ़ी रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगंधित पुष्प से बने फूलों की माला अर्पित की गई जिसके बाद गर्भ गृह में बाबा महाकाल के साथ पंडे पुजारी ने फुलझड़ी जलाकर दिवाली का पर्व मनाया।
इस अवसर पर मंदिर का आकर्षक रंग बिरंगी विद्युत रोशनी की गई थी। रंगोली और फूलों से साज सज्जा के साथ मंदिर को सजाया गया। बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने महाकाल के साथ दिवाली हर्षोल्लास के साथ मनाई।