अस्पताल की बड़ी लापरवाही, 22 साल के युवक से बदल दिया 65 साल के बुजुर्ग का शव

8/11/2020 1:16:42 PM

रीवा: मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस और कोरोना मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों के कई मामले सामने आए हैं। लेकिन रीवा जिले में तो लापरवाही की हद हो गई जब अस्पताल में 22 साल के एक युवक की मौत हो गई लेकिन परिजनों को 65 साल के एक बुजुर्ग का शव सौंप दिया गया। लापरवाही की इतनी बड़ी घटना सामने आते ही प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल के डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया।

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जानकारी के अनुसार, 22 साल के युवक को 3 अगस्त को संजय गांधी हॉस्पिटल के आईसीयू में दाखिल कराया गया था। युवक के पिताके अनुसार, बेटे के बदन में दर्द की शिकायत होने के बाद मौगंज में उसका शुरुआती इलाज कराया गया था। बाद में डॉक्टरों ने युवक को कोविड सेंटर में रेफर कर दिया। युवक के पिता ने कहा कि उनका बेटा जब से अस्पताल में भर्ती हुआ, तब से उसके बारे में डॉक्टरों ने कोई सूचना नहीं दी।

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जब परिजनों ने 3-4 दिन बाद जोर देकर युवक के बारे में पूछा तो डॉक्टरों ने उसकी मौत की बात कही और मॉर्चरी में शव पहचानने को कहा। युवक के पिता ने कहा, जिस बैग में शव रखा हुआ था, जब उसे खोला गया तो वे दंग रह गए क्योंकि उसमें 65 साल के एक व्यक्ति का शव रखा और उसपर युवक का टैग लगा था। इस पर नाराज होकर मृतक युवक के परिजनों ने कमिश्नर और पुलिस सुपरिटेंडेंट के ऑफिस का घेराव किया और हंगामा किया। लोगों ने लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। युवक के पिता का आरोप है कि अस्पताल ने अभी तक उनके बेटे की कोविड रिपोर्ट नहीं दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए रीवा डिविजन कमिश्नर ने अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राकेश पटेल को सस्पेंड कर दिया। वहीं मृतक युवक के पिता रामविलास कुशवाहा का आरोप है कि उसके बेटे का अन्य मृतकों के साथ उसके बेटे को भी दफना दिया है और अब इसकी सच्चाई नहीं बता रहे हैं।


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meena

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