जयवर्धन सिंह होंगे कांग्रेस का अगला चेहरा! लेकिन 1993 और 2018 जैसा न हुआ तो जीतू पटवारी भी हो सकते हैं दावेदार
4/1/2023 8:40:33 PM

मध्यप्रदेश डेस्क (विकास तिवारी): इस वक्त मध्यप्रदेश कांग्रेस का चेहरा और नेतृत्व दोनों ही तय है। पार्टी का शीर्ष स्तर जहां उस पर भरोसा जता चुका है, तो आम कार्यकर्ता भी इस वक्त कमलनाथ के नाम का झंडा लेकर चुनाव में उतरने को बेचैन है। हमेशा टुकड़ो में बंटी रहने वाली कांग्रेस के लिए ये एक बहुत राहत भरी खबर है, लेकिन नाथ की इस सर्व स्वीकार्यता से एक नया सवाल खड़ा हो जाता है, कि आखिर कमलनाथ के बाद कांग्रेस का चेहरा कौन होगा?
ये हैं वो दो नाम... जिनमें से एक होगा कांग्रेस का भविष्य?
इस सवाल के जवाब के तौर पर एक बात निकलकर सामने आती है, कि चेहरा जो भी हो, वो युवा ही रहने वाला है, और उन चेहरों पर अगर ध्यान दें, तो दो ही नाम देखने को मिलते हैं। एक हैं इंदौर के राऊ से कांग्रेस के धाकड़ विधायक जीतू पटवारी, तो दूसरे हैं राघौगढ़ के विधायक और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह.... नाम तो दो हैं, लेकिन जयवर्धन सिंह का पलड़ा कहीं न कहीं जीतू पटवारी से भारी दिखता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कुछ वजहें हैं जो जयवर्धन को जीतू से काफी आगे ले जा रही हैं। पहली तो साफ तौर पर ये की जयवर्धन दिग्विजय सिंह के बेटे हैं, औऱ दिग्विजय की कांग्रेस में कितनी चलती है, ये कहने की जरूरत नहीं। खुद दिग्गी राजा 10 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, और अब वे फिलहाल मध्यप्रदेश कांग्रेस के किसी भी पद पर नहीं हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के हर फैसले में उनकी भूमिका होती है। तो वहीं दूसरी ओर बात करें जीतू पटवारी की, तो वर्तमान समय में जीतू कांग्रेस की तरफ से सबसे ज्यादा एक्टिव नेता हैं, खुलकर अपनी बातें रखते हैं, एकदम एग्रेसिव अंदाज में.... भले ही जीतू का फैमिली बैकग्राउंड एमपी की राजनीति में बड़ा न हो, लेकिन मौजूदा हालात में वे तेजी से उभरने वाले कांग्रेस के युवा चेहरे हैं। इन्हें कई लोग सिंधिया के बैकअप के रूप में भी देख रहे हैं।
तो क्या 2028 में जयवर्धन होंगे कांग्रेस का चेहरा
लेकिन बात वहीं आती है। एमपी कि सियासत में दिग्गी राजा की भूमिका कई सवालों के जवाब पलट देती है। 1993 और 2018 में इसका उदाहरण साफ तौर पर देखा जा चुका है। दोनों जगहों पर दिग्गी राजा का दबदबा खुलकर देखने को मिला था। 1993 में माधवराव सिंधिया सीएम बनते बनते रह गए और प्रदेश के मुखिया दिग्विजय बन गए। तो 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी सीएम पद की रेस में काफी आगा था। लेकिन अंतिम दौर में कमलनाथ मुख्यमंत्री बन गए। कहा जाता है की कांग्रेस हाईकमान को दिग्विजय सिंह ने ही कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी। जो पूरी भी हुई। ऐसे में ये देखना रोचक होगा की 2028 आते आते कांग्रेस की कमान किसके हाथों में सौपी जाएगी। फिलहाल इस बार तो कमलनाथ ही कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार होंगे। लेकिन 2028 में कांग्रेस का भविष्य जयवर्धन सिंह के हाथों में हो, ये बड़ी बात नहीं... हालांकि ये तो मात्र कयास हैं, आगे क्या होगा ये कांग्रेस जाने?
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