53 साल पहले राजमाता ने भी छोड़ी थी कांग्रेस, आज ज्योतिरादित्य ने भी दोहरा दिया इतिहास

3/10/2020 2:52:03 PM

मध्यप्रदेश डेस्क: कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, संभव है कि आज शाम तक वे भाजपा में भी शामिल हो सकते हैं। घटनाक्रम को देखकर तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब महज औपचारिक घोषणा बाकि है। देखा जाए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया और पिता माधव राव सिंधिया की राह पर निकल पड़े हैं।

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पहले भी सिंधिया परिवार ने छोड़ी है कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी द्वारा सिंधिया परिवार की उपेक्षा का ये कोई पहला मामला नहीं है। आज से ठीक 53 साल पहले 1967 में जब मध्यप्रदेश में डीपी मिश्रा कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री थे, तब उस वक्त तत्कालीन बड़ी कांग्रेस नेता राजमाता विजया राजे सिंधिया की पार्टी में उपेक्षा की गई थी जिससे नाराज होकार राजमाता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, और कुछ समय बाद वे जनसंघ से जुड़ गईं। जनसंघ से जुड़ने के बाद राजमाता ने गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीत दर्ज की, हालांकि इस बीच माधवराव सिंधिया कांग्रेस में आ गए, और राजमाता से उनकी तनातनी की खबरें भी जोर पकड़ने लगीं। लेकिन वर्ष 1993 में कांग्रेस में उपेक्षा के चलते ही माधवराव सिंधिया ने भी दिग्विजय सिंह के शासनकाल में इस्तीफा दे दिया और अपनी एक अलग पार्टी ‘मध्यप्रदेश विकास कांग्रेस’ बना ली थी। हालांकि वे ज्यादा दिन तक कांग्रेस से अलग नहीं रह पाए और वापस कांग्रेस में शामिल हो गए।

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2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ दी कांग्रेस
53 साल पहले शुरू हुआ सिलसिला 2020 में आकर खत्म हो गया, अकसर देखा जाता रहा है कि सिंधिया राजवंश में महिलाओं ने भाजपा तो पुरुषों ने कांग्रेस की सदस्यता ली, लेकिन इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभी को चौंकाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, कारण था पार्टी में खुद की उपेक्षा। हालांकि इस पर अचरज नहीं किया जाना चाहिए कि सिंधिया पार्टी से नाराज हो गए, क्योंकि मध्यप्रदेश में जब विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा की तरफ से ये नारे लगते रहे कि 'माफ करो महाराज अबकी बार शिवराज’ मतलब जनता के साथ भाजपा को भी ये लगता था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सिंधिया के नाम पर ही चुनाव लड़ रही है, लेकिन चुनाव होते ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बना दिय गया, जब से ही सिंधिया की नाराजगी भी शुरू हो गई, जिसका परिणाम आज सबके सामने है।
 


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Vikas kumar

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