मोहन कैबिनेट ने अहिल्याबाई की नगरी को दी नई पहचान ! CM की पहल से महेश्वर में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
Friday, Jan 24, 2025-05:48 PM (IST)
महेश्वर : मध्य प्रदेश मोहन सरकार ने डेस्टिनेशन कैबिनेट की ऐतिहासिक पहल की है। आज शुक्रवार 24 जनवरी को लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की नगरी महेश्वर में राज्य सरकार कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया गया। यह देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती वर्ष को समर्पित है। सीएम मोहन ने कहा कि महेश्वर में कैबिनेट का आयोजन करने का मकसद प्रदेश में धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन को बढ़ावा देना है।
सीएम मोहन की कैबिनेट बैठक ऐतिहासिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 22 साल बाद हो रही है। इससे पहले 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती के कार्यकाल में महेश्वर में कैबिनेट बैठक आयोजित हुई थी। सीएम मोहन ने सबसे पहले अपने सभी मंत्रियों के साथ महेश्वर के प्रसिद्ध नर्मदा घाट पर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की। इस दौरान सभी मंत्री उत्साहित दिखे और मां नर्मदा की पूजा की। इसके बाद मां नर्मदा को नमन किया।
महेश्वर राज्य के खरगोन जिले में नर्मदा नदी के किनारे बसी हुई धार्मिक नगरी है, जो कि किसी समय होलकर साम्राज्य की राजधानी रही है। सीएम मोहन की इस पहल से महेश्वर को नई पहचान मिलेगी। खास बात यह कि कैबिनेट मीटिंग में हुए ऐतिहासिक फैसलों से सबकी निगाहें महेश्वर पर टिक गई है। या यूं कहे कि उज्जैन, ओरछा जैसे धार्मिक स्थलों समेत 17 शहरों में शराबबंदी करके सीएम मोहन ने महेश्वर का नाम सदैव के लिए सुनहरे अक्षरों में लिख दिया। जब जब शराबबंदी जैसे ऐतिहासिक फैसले का जिक्र होगा, महेश्वर का जिक्र होगा।
बता दें कि देवी अहिल्याबाई होलकर का शासनकाल मध्यप्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम युग माना जाता है। महेश्वर, जो कि होल्कर शासकों के राजाओं की राजधानी था, मध्यप्रदेश का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। महेश्वर के किले, घाटों और मंदिरों को देखकर देवी अहिल्याबाई की दूरदृष्टि और उनके योगदान से हम आज भी गौरव का अनुभव करते हैं।