चांदी की पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले राजाधिराज महाकाल, चन्द्रमौलीश्वर स्वरुप में दिए दर्शन
Monday, Nov 10, 2025-08:17 PM (IST)
उज्जैन (विशाल सिंह) : भगवान श्री महाकालेश्वर की कार्तिक-मार्गशीर्ष (अगहन) माह की तीसरी सवारी सोमवार को धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के साथ निकली। सवारी शाम 4 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ हुई। इससे पहले मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। पूजन उपरांत भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण के लिए निकले।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी। सवारी मार्ग में भक्तों ने पुष्प वर्षा कर भगवान का स्वागत किया। सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से निकलकर महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बख्शी बाजार, कहारवाड़ी मार्ग से होते हुए रामघाट पहुंची, जहां क्षिप्रा जल से भगवान का पूजन-अभिषेक किया गया।

इसके बाद सवारी गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।

सवारी में आगे तोपची, कड़ाबीन, श्री महाकालेश्वर बैण्ड, पुलिस बैण्ड, घुड़सवार दल और सशस्त्र पुलिस बल शामिल रहे, जो नगरवासियों को बाबा महाकाल के आगमन की सूचना देते हुए चल रहे थे। पूरे मार्ग में “जय महाकाल” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो उठा।

