Waqf कानून पर SC की मुहर, मंत्री बोले- चंद लोगों का ऐशो-आराम खत्म, कांग्रेस-Waqf बोर्ड भी खुश
Monday, Sep 15, 2025-02:14 PM (IST)
भोपाल (इजहार हसन खान): सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अहम फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अगुवाई वाली दो जजों की बेंच ने इस कानून से जुड़े 5 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इसके कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी।
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष की प्रतिक्रिया
मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ‘भारत के मुसलमानों को अब असली हक मिल रहा है। पहले उनके हिस्से में मुर्गे और अंडे की दुकानें थीं, अब अदालत ने बड़ा हक दिया है। विरोध करने वालों को कोर्ट ने आईना दिखाया है।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मुसलमानों को डराने और धमकाने की कोशिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साबित कर दिया कि संशोधन कानून संवैधानिक है।
कांग्रेस ने भी किया स्वागत
कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने भी कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने साबित कर दिया कि कोई भी कानून बनाकर जनता पर थोपा नहीं जा सकता। बीजेपी की जमीनें हड़पने की कोशिश को कोर्ट ने नाकाम कर दिया है। अब आगे भी कई और संशोधन होंगे।’
सारंग का कांग्रेस पर निशाना..
कैबिनेट मंत्री सारंग ने कहा कि निर्णय वक्फ संपत्तियों से जुड़े लंबे विवादों और कब्जों पर सकारात्मक असर डालेगा। वक्फ संपत्तियों पर लंबे समय से चल रहे विवाद और अनधिकृत कब्जे अब खत्म होंगे। सारंग ने आरोप लगाया कि वक्फ संपत्तियों पर कुछ लोगों ने बेजा कब्जा कर रखा था। इन संपत्तियों का उपयोग उन जरूरतमंदों की सहायता के लिए होना चाहिए, जिनके लिए यह बनाई गई हैं। मंत्री ने कहा कि कुछ मुस्लिम नेताओं ने इन संपत्तियों का इस्तेमाल अपने बच्चों के ऐशो-आराम और निजी फायदे के लिए किया। यही वजह है कि जब वक्फ कानून लाया गया तो उन्हें तकलीफ हुई और उनके “पेट में दर्द” शुरू हो गया।

