मोदी-शिवराज पर जमकर बरसे दिग्विजय सिंह, शिवराज सरकार को बताया कपिल शर्मा का शो

5/30/2020 6:23:23 PM

कटनी(संजीव वर्मा): मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह आज आध्यात्मिक गुरु गृहस्थ संत पं. देव प्रभाकर शास्त्री (दद्दा जी)की तेरहवीं पर श्रद्धांजलि अर्पित करने कटनी पहुंचे। इस दौरान सर्किट हॉउस में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में दिग्विजय सिंह मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संकट में भी सैनिटाइजर और मास्क में बड़ा घोटाला हुआ है। इसके अलावा प्रदेश सरकार की तुलना कपिल शर्मा के फेमस कमेडी शो से की। इसके बाद झिंझरी स्थित देवप्रभाकर शास्त्री नगर दद्दा धाम में पहुंचकर उन्होंने दद्दा जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के अनेक राजनेताओं की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंस की जमकर धज्जिया उड़ी।

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मोहन भागवत से पूछे सवाल
दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार के 6 वर्ष पूर्ण होने के पर जारी संदेश पर पूछे गए सवाल को व्यंग्यात्मक तरीके से लेते हुए हंस कर टाल दिया। वहीं उन्होंने मोहन भागवत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, मैंने उनका एक बयान पढ़ा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना आने के बाद मेरी आस्था धर्म से उठ गई है। सभी मंदिरों में ताला लगाकर उनकी राशि से अस्पताल बनवा दीजिए। इस पर दिग्विजय ने मोहन भागवत से राम मंदिर पर अपना मत स्पष्ट करने की बात कही। क्या आप भगवन राम का मंदिर अयोध्या में नहीं चाहते? यदि आप नहीं चाहते तो स्पष्ट कर दीजिये जनता को मूर्ख मत बनाइये। मेरी नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान से मांग है कि जो सोशल डिस्टेंसिंग आप दुकानों में कर रहे हैं। मंदिर में क्यों नहीं कर देते सभी धार्मिक स्थलों में कर दीजिए, मंदिरो में ताला लगने से ठाकुर जी की सेवा नहीं हो रही है।

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बीजेपी पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी हर अवसर में भ्रष्टाचार का मौका तलाशती है। चाहे वह कोरोना संकट हो या कोई और आपदा। उन्होंने गुजरात के वायरल वीडियो का उदाहरण देते हुए कहा कि वीडियो में टिकट के मामले में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ने डेढ़ ₹200 की कमीशन ली है। भारतीय जनता पार्टी का जो काम करने का तरीका है। हर आपदा में अवसर ढूंढते हैं और कोरोना संकट में भी पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइजर खरीदी में भी भ्रष्टाचार किया। भारतीय जनता पार्टी का चाल चरित्र और चेहरा यही है कि हर आपदा में पैसा कमाने का अवसर है शिवराज सिंह चौहान को भाषणबाजी के अलावा दूसरा कोई काम नहीं है। टीवी खोलो तो उनका ही चेहरा सामने नजर आता है। वहीं कांग्रेस पार्टी हर आपदा में आपदा से निपटने के लिए गरीब के साथ खड़ी रहती है।

की ये मांग
गरीब मजदूरों के मामले में उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि गरीब मजदूरों के खाते में तत्काल 10 हज़ार रुपये कंटलजेन्सी के रूप में जमा कराया जाये। साथ ही छोटे व्यापारियों को राहत दी जाए। हर गरीब के खाते में साढ़े सात हजार रुपये 6 माह तक डाला जाए। मनरेगा के तहत 100 दिन के रोजगार को 200 दिन किया जाए।

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शिवराज सरकार कपिल शर्मा के शो से कम नहीं
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सरकार संकट की इस घड़ी में भी गंभीर नजर नहीं आती। बीजेपी पार्टी कार्यकाल में चुटकुले, मसखरापन और हंसी मजाक चलता है। काम को लेकर कोई गंभीर नहीं है। सीएम क्या कपिल शर्मा के शो से बराबरी करना चाहते है।

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कमलनाथ से बताया 40 साल का दोस्ताना
प्रदेश में कांग्रेस से नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल से कोई न कोई नाराजगी तो रहती है। वहीं कमलनाथ से संबंधो पर दिग्विजय ने कहा हम 40 साल पुराने दोस्त थे है और रहेंगे। भाजपा सहित कई लोगों ने अनेकों बार प्रयास किया है, लेकिन हम दोनों के बीच कभी दरार नहीं आई।

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केंद्र सरकार को घेरा
लॉक डाउन 5 के संदर्भ में उन्होंने कहा कि एक माह पहले पत्र लिखा था और सुझाव दिए थे पीएम मोदी को एग्जिट पॉलिसी क्या होनी चाहिए, सत्ता का विकेंद्रीकरण किया जाए। महात्मा गांधी ने भी हिन्द स्वराज में उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि पूरे जिलों को लॉक डाउन करने की जरूरत ही नहीं है। जिस क्षेत्र में 10 से ज्यादा कोरोना पेशेंट मिलते है उसे लॉक डाउन कर दिया जाए। 20 लाख करोड़ के पैकेज पर सवालिया निशान लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को घेरते हुए पूछा कि गरीब के लिए क्या, मजदूर के लिए क्या, 90% बड़े-बड़े लोगों के लिए है। दिग्विजय ने कहा कि हमारे देश में अनाज का भंडार पड़ा है और मजदूरों को पांच 5 किलो प्रति परिवार दिया गया। 5 किलो एक परिवार के लिए होता क्या है वह तो 1 सप्ताह भी नहीं चल पाएगा। किसानों के खाते में 6-6 हजार रुपए की राशि देने का प्रावधान 2019 के चुनाव के घोषणा पत्र में कर दिया था। इसके बजाय कांग्रेस के न्याय योजना को लागू का बेरोजगार परिवार के खाते में साढ़े ₹7000 डाल दिए होते तो 62 से 64 हजार करोड़ में पूरा काम हो जाता।

 

 


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Edited By

meena

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