Video: लाचारी की मुंह बोलती तस्वीर, बेटी को हाथ गाड़ी में बिठाकर गर्भवती पत्नी संग 800 किमी पैदल चला
5/13/2020 4:47:27 PM
बालाघाट(हरीश लिलहरे): देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच कई प्रवासी मजदूरों की बेबसी की ऐसी तस्वीरे सामने आ रही है कि हर किसी का दिल पसीज जाए। घर वापस जाने के लिए मजदूर तरह तरह के साधन जुटा रहे हैं। कहीं साईकिल, कही पैदल तो कहीं बैलगाड़ी के सहारे मजदूर अपने घर पहुंच रहे हैं। लेकिन बेबसी और बदहाली की एक ऐसी मार्मिक तस्वीर मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से सामने आई है कि हर किसी का दिल पसीज जाए। जहां एक मजबूर पिता 800 किमी दूर से अपनी नन्ही बेटी को हाथ से बनी गाड़ी पर खींचकर लाता दिख रहा है। गाड़ी में बच्ची के साथ उसकी गर्भवती पत्नी भी बैठी है।
लॉकडाउन के कारण देश भर के बहुत से मजदूर घर वापसी कर रहे हैं। ये मजदूर कहीं पैदल, कहीं साइकिल तो कही बैलगाड़ी से अपने अपने घर पहुंच रहे हैं, लेकिन शिवराज सरकार में एक बेबस मजदूर की ऐसी तस्वीर वायरल हुई है जिसने सरकार के झूठे दाबो की सारी पोल खोल कर रख दी। मंगलवार दोपहर को बालाघाट सीमा पर रजेगांव में एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला। हैदराबाद में नौकरी करने वाला रामू नाम का शख्स जो कुंडेमोहगांव का निवासी है। हैदराबाद से 800 किलोमीटर का सफर अपनी गर्भवती पत्नी और दो साल की बेटी के साथ पूरा कर बालाघाट आया। दरअसल, हैदराबाद में रामू को जब काम मिलना बंद हो गया, तो वापसी के लिए उसने कई लोगों से मिन्नतें कीं। लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
कुछ दूर तक तो रामू अपनी दो साल की बेटी को गोद में उठाकर चलता रहा और उसकी गर्भवती पत्नी सामान उठाकर लेकिन यह कोई 10-15 किमी का नहीं बल्कि 800 किलोमीटर का सफर था। बेटी के पैरों में चप्पल तक नहीं थी फिर उसने हाथ गाड़ी पर बेटी को बिठाया और गाड़ी को रस्सी से बांध कर खींचते हुए 800 किलोमीटर का सफर 17 दिन में पैदल तय किया। मजदूर जब बालाघाट की रजेगांव सीमा पर पहुंचा तो वहां मौजूद पुलिसवालों के कलेजे भी हिल गए। उन्होंने बच्ची को बिस्किट और चप्पल लाकर दी उसकी जांच कराई और एक निजी गाड़ी का बंदोबस्त किया और उसे गांव तक भेजा।