कुत्ते के हमले से जख्मी बच्ची की 2 महीने बाद मौत, न्याय के लिए दर-दर भटक रहा बुजुर्ग दादा

Wednesday, Jan 29, 2025-11:37 AM (IST)

खंडवा। (मुश्ताक मंसूरी): मध्य प्रदेश के खंडवा शहर और ग्रामीण क्षेत्र में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कुत्ता अब खतरनाक और जान लेवा साबित हो रहे हैं। ग्राम बड़गांव गुर्जर में कुत्ते के काटने से एक बालिका 6 वर्ष की दिव्यांशी पवार पिता दिनेश पवार की मौत हो गई। विगत दिनों ग्राम बड़गांव गुर्जर में 6 वर्षी बालिका दिव्यांशी को कुत्ते ने काट लिया था, गंभीर रूप से घायल बालिका को खंडवा जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के बाद उसे इंदौर रेफर कर दिया गया था, गंभीर घायल बालिका का इलाज इंदौर में चल रहा था, 23 जनवरी को बालिका की मौत हो गई। बालिका के दादा कैलाश पवार मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि दो महीने से बालिका दिव्यांशी पवार का उपचार चल रहा था।

 इंदौर में बच्ची की मौत हो गई हम मजदूरी करते हैं, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कुत्तों का आतंक है. आए दिन कुत्ते शिकार कर रहे हैं, इन पर कार्रवाई होनी चाहिए और बालिका की मौत पर मध्य प्रदेश सरकार से सहायता राशि मिलती जिससे हमेशा सहयोग मिलता, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रणधीर खेतवास ने बताया कि 26 नवंबर को ग्राम बड़गांव गुर्जर में बालिका को कुत्ते ने काट लिया था। जिससे दिव्यांशी पवार की मौत हो गई थी, शहर तो शहर ग्रामीण क्षेत्र में भी अब बच्चे सुरक्षित नहीं है, एक ओर मध्य प्रदेश सरकार आनंद उत्सव बना रही है। वहीं दूसरे तरफ बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। मंगलवार को जनसुनवाई में आवेदन दिया है की कुत्तों को पकड़ा जाए ताकि इस प्रकार की घटना नहीं हो परिजनों को आर्थिक सहायता सरकार दे मृतक बेटी के दादा कैलाश पवार ने कहा कि सिस्टम की लापरवाही की वजह से उन्होंने अपने कलेजे के टुकड़े को खोया है। 

PunjabKesari वहीं इलाके के लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज टीकाकरण की रफ्तार बेहद कम होने के कारण घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और कुत्तों के काटने से लगातार शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में हालत गंभीर बने हुए हैं। वहीं शहरी क्षेत्र खंडवा में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बनाने के लिए धनराशि स्वीकृति की है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम पर आरोप लगाया है कि इस सेंटर के निर्माण को लेकर भी नगर निगम में कुछ ज्यादा दिलचस्पी दिखाई नहीं दे रही है। नतीजतन आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और कुत्तो के काटने के साथ ही लोगों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Himansh sharma

Related News