अपनी अंतिम सांसों तक गैस पीड़ितों के लिए लड़ने वाले अब्दुल जब्बार को मिलेगा पद्मश्री

Sunday, Jan 26, 2020-01:25 PM (IST)

भोपाल (इजहार हसन खान): देश आज गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस दौरान सरकार ने पद्म पुरस्कार पाने वाले नामों की घोषणा की। जिसमें एक नाम था भोपाल के अब्दुल जब्बार का। जी हां, पद्मश्री पाने वाले नामों में एक नाम भोपाल के अब्दुल जब्बार का भी था। अब्दुल जब्बार वो इंसान हैं जिनसे भोपाल ही नहीं बल्कि पूरा देश वाकिफ है, क्योंकि उन्होंने अपनी अंतिम सांसों तक भोपाल गैस पीड़ितों के लिए दिन रात एक कर दिए। लेकिन इस बीच 14 नवंबर 2019 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन अब सरकार उन्हें पद्मश्री देने जा रही है। ऐसे में उनके परिवार को जहां एक तरफ खुश हैं तो दूसरी तरफ चिंता से भी घिरा हुआ है। और वो चिंता है घर चलाने की रोजी रोटी की।

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भोपाल गैस त्रासदी में पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए अब्दुल जब्बार ने दिन रात एक कर दिये। उन्होंने अपनी अंतिम सांसों तक सिर्फ और सिर्फ पीड़ितों के लिए ही अपना जीवन जिया। हालांकि सरकार अब उन्हें पद्ममश्री अवॉर्ड देने जा रही है, जिससे उनका परिवार और समस्त भोपाल वासी बेहद खुश हैं। लेकिन उनके परिवार पर अब एक जो खतरा मंडरा रहा है वो है गरीबी से लड़ने का। घर में कमाई का कोई साधन नहीं है। बड़ी बात ये है कि सरकार ने भी इस परिवार की कोई मदद नहीं की। हालात ये हैं कि अब्दुल जब्बार के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी कुछ जानकार लोग उठा रहे हैं। जब्बार के छोटे भाई होटल चलाया करते थे। लेकिन किन्हीं कारणों से अब होटल भी बंद हो गया। जिसके कारण पूरे परिवार पर गरीबी का साया मंडरा रहा है।

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बता दें कि 3 दिसंबर 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइट में मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस का रिसाव हुआ था। गैस जहरीली थी जिसके चलते हजारों लोगों ने अपनी जान गवां दी। कंपनी में हुए इस रिसाव के बाद भोपाल ने जो त्रासदी देखी वो आज भी कोई भूल नहीं पाया। गैस त्रासदी से पीड़ित लोगों को मुआवजे व अन्य मांगों को लेकर अब्दुल जब्बार ने मोर्चा संभाला और पीडितों के लिए लड़ते रहे और 14 नवंबर 2019 को उन्होंने संसार को अलविदा कह दिया।


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Vikas kumar

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