20 साल बाद इस गांव में इस तरह पहुंची बारात,दूल्हे के घरवालों ने किया था ये फैसला

12/7/2021 8:25:09 PM

खरगोन (ओम रामनेकर): आज तक आपने एक से एक अनोखी और विचित्र शादियां देखी होगीं। आए दिन हमारे आसपास और समाज में आधुनिक शादियां देखकर लोग अक्सर हैरान हो जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही अलग किस्म की शादी से रु-बरु कराएंगे, जो असल मायनों में ही सबसे जुदा है। क्योंकि यह शाद एक नाव में हुई है। जी हां... खरगोन जिले में एक दुल्हा नाव में बारात लेकर गया, और दुल्हन लेकर आया, यही नहीं.. दूल्हे के घरवाले और रिश्तेदार भी सूट-बूट पहनकर इसी नांव में बैठकर आए। लेकिन बारात को देखरकर आपके मन में एक सवाल जरुर उठ रहा होगा, किआधुनिकता के इस युग में जब लोगों के पास गाड़िया कारें और हर सुविधा है, तो बारात नाव पर क्यों जा रही है।

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चलिए इसकी वजह आपको बताते हैं, दरअसल ये बारात धार जिले के बलवाड़ा से खरगोन जिले में नर्मदा किनारे बसे बलगांव पहुंची थी। बलवाड़ा से बलगांव की सड़क मार्ग की दूरी करीब 20 किलोमीटर है, जबकि नदी मार्ग से यह दूरी मात्र एक किलोमीटर ही है। इसी को ध्यान में रखते हुए दूल्हे के परिजनों ने ये फैसला लिया कि नाव में ही बारात को ले जाया जाए। नर्मदा के तट पर दुल्हन वालों ने नाव से पहुंची बारात की जोरदार स्वागत किया। मौनी बाबा आश्रम में फेरे और विवाह की रस्में पूरी की दोनों परिवारों ने बलगांव के नर्मदा तट पर विवाह की रस्में पूरी करने का निर्णय लिया था।

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बताया जाता है कि नर्मदा के उस पार से पुराने समय में हमेशा नाव से ही बारातें आती थी। लेकिन समय के साथ वाहनों का प्रचलन बढ़ने लगा, और नावों से बारातें आना कम हो गई। अब करीब 20 साल बाद ऐसा नजारा देखने को मिला है। जब नाव से कोई बारात गांव में पहुंची होइसको देखकर लोगों को पुराने दिनों की यादें भी ताजा हो गईइस शादी में एक ओर जहां समय और पैसै की बचत हुई वहीं पुराने समय की झलक भी देखने को मिली।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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