नए कानूनों को लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे DIG समेत तमाम पुलिस अधिकारी, छात्रों को किया जागरूक, फायदे भी गिनाए

7/2/2024 8:47:02 PM

इंदौर: देशभर में एक जुलाई से लागू हुए कानून नागरिकों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए हैं। जिसको लेकर अब इंदौर DIG निमिष अग्रवाल, SP हितिका वासल समेत तमाम पुलिस अधिकारियों ने विश्वविद्यालयों में जाकर छात्रों को जागरूक किया। इंदौर DIG ने मालवांचल यूनिवर्सिटी इंडेक्स समूह संस्थान में नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 के संबंध में सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें तमाम पुलिस अधिकारी शामिल हुए। साथ ही इन कानूनों को लेकर छात्रों को जागरूक भी किया।

ई-एफआईआर से ऑनलाइन फैसले और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल तक की सुविधा
डीआईजी निमिष अग्रवाल ने कहा कि देशभर में सोमवार से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और ब्रिटिश काल के कानूनों का अंत हो चुका है। स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी औपनिवेशिक काल के कई कानून बोझ की तरह बने हुए हैं। अब भारत की आत्मा और भावना को प्रमुख आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता में शामिल कर दिया गया है। नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी, जिसमें 'जीरो एफआईआर', पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, 'एसएमएस' के जरिए समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे। ई-एफआईआर से ऑनलाइन फैसले और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल तक की सुविधा भी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि हम मालवांचल यूनिवर्सिटी और इंडेक्स समूह संस्थान का आभार मानते हैं कि इन्होंने सामाजिक पहल के साथ ग्रामीण और छात्रों को नए कानून के प्रति जागरूक करने के लिए इतने वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया। सभी छात्र, शिक्षक और डॉक्टर्स को उन्होंने डॉक्टर्स डे की बधाई भी दी।

इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से भी होंगी रिपोर्ट दर्ज...
एसपी हितिका वासल ने कहा कि आज के युवा वर्ग को अपने देश के नए कानून की जानकारी होना सबसे जरूरी है। कई बार हमें अपना थाना कौन-सा है, इसकी भी जानकारी नहीं होती है। ऐसे समय में, पुलिस और शिक्षण संस्थानों और संगठनों की जिम्मेदारी है कि वे नए कानून के प्रति सभी लोगों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि नए कानूनों के तहत अब एफआईआर दर्ज कराने के लिए व्यक्तिगत रूप से थाने तक जाने की जरूरत नहीं होगी। इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन यानी फोन या मैसेज के जरिए भी यह काम हो सकेगा।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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