Industrial Growth में MP बना मॉडल स्टेट, अमित शाह बोले - मोहन यादव कर रहे ऐतिहासिक काम
Thursday, Dec 25, 2025-06:59 PM (IST)
भोपाल। भारत में अपने राज्य के औद्योगीकरण के मामले में उल्लेखनीय और ऐतिहासिक कम जिससे देश के बाकी राज्यों ने सीखा, ऐसा काम या तो गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने किया था या फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव कर रहे हैं। यह शब्द तब महत्वपूर्ण हो जाते हैं जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बोले जाते हैं।
स्ट्रक्चर्ड इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की शुरुआत मोदी जी ने की थी
ग्वालियर में ‘अभुदय : मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’ में क्लस्टर इन्वेंस्टमेंट को पूरे भारत के लिए इनोवेटिव आइडिया बताते हुए कहा कि, स्ट्रक्चर्ड इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की शुरुआत नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात से की थी। ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के नाम से इंडस्ट्रियल समिट आयोजित करने की एक वैज्ञानिक और व्यवस्थित शुरुआत उन्होंने की, जिसमें राज्य की राजधानी में बड़े स्तर पर इंडस्ट्रियल समिट आयोजित होते थे और राज्य में व्यापक निवेश आता था।
रीजनल इन्वेस्टमेंट कॉन्क्लेव की शुरुआत मोहन जी ने की है
मैं मोहन यादव जी को बधाई देना चाहता हूँ कि उन्होंने राज्य के संतुलित विकास के लिए ‘क्षेत्रीय निवेश कॉन्क्लेव’ की एक नई और दूरदर्शी शुरुआत की है। मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कॉन्क्लेव आयोजित करने और निवेश के भूमिपूजन का जो सिलसिला उन्होंने शुरू किया है, वह आने वाले समय में राज्य के संतुलित विकास के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
आज जो 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है, वह देखने में भले ही छोटा लगे, लेकिन किसी एक क्षेत्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। किसी क्षेत्र की जनता के लिए यह निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि राज्य का संतुलित विकास नहीं होता, तो राज्य आगे नहीं बढ़ सकता, क्योंकि हर क्षेत्र में अपार संभावनाएँ छिपी होती हैं।
जैसे मालवा, ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में कपास लंबे समय से किसानों की प्रमुख फसल रही है, लेकिन उन्हें उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। अब पीएम मित्र पार्क के आने से पारंपरिक क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है और कपास फिर से किसानों के लिए एक लाभकारी फसल बन गई है।
मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी विशेषता उसका भौगोलिक लोकेशन है। यहाँ से पूरे देश के आधे हिस्से तक बहुत कम ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में आपूर्ति संभव है। लेकिन इस भौगोलिक लाभ का शत-प्रतिशत उपयोग तभी संभव है, जब राज्य में सिमेट्रिक इंडस्ट्री विकसित की जाए। दक्षिण से जुड़े जिलों में उद्योग स्थापित हों, दिल्ली से जुड़े जिलों, जैसे ग्वालियर में उद्योग लगें, और पश्चिमी क्षेत्रों जैसे धार और झाबुआ में भी औद्योगिक विकास हो। तभी मध्य प्रदेश को अपने भौगोलिक लाभ का वास्तविक फायदा मिलेगा।
इसी सोच के साथ यह आयोजन मोहन यादव जी ने किया है। मैं उन्हें हृदय से बधाई देता हूँ कि उनकी क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट ने मध्य प्रदेश के चहुँमुखी विकास की एक मजबूत नींव रखी है।

