ठहरिये प्यास लग रही है तो बस कीजिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन का इतंजार, उतरकर पीजिए शीतल जल, यहां हर उम्र के लोग करते हैं जल सेवा
Saturday, Apr 23, 2022-06:41 PM (IST)

ग्वालियर (अंकुर जैन): भारत में इन दिनों लोग भीषण गर्मी से दो चार हो रहे हैं। ऐसे में कई जगहों से जल संकट की खबरें आती रहती है। जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए भी संघर्ष तक करना पड़ता है। लेकिन यदि आपको सफर के दौरान प्यास लग आए और आपके पास पीने का पानी नहीं है तो घबराइये मत, ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर इन दिनों शीतल जल पिलाने के लिए लोग तत्पर्य रहते हैं। 2 साल के कोरोना के बाद एक बार फिर सामाजिक संस्था पंजाबी परिषद ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर अपनी जनसेवा का काम शुरू कर दिया है। यह लोग पिछले 26 साल से यात्रियों को पानी पिलाने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में इन समाजसेवियों की तारीफ कर चुके हैं। जो लोग जल सेवा का काम करते हैं, वह सभी प्रतिष्ठित परिवारों से हैं और कई लोग तो सरकारी सेवा में भी कार्यरत है।
इससे मिली पानी पिलाने की प्रेरणा
जल सेवा करने में सबसे अधिक महिलाएं हैं। उनका इस मामले में कहना है कि सुबह जल्दी से घर का काम निपटाकर वह स्टेशन पर पहुंच जाती है और जिस दिन स्टेशन नही पहुंचती है उनका घर मन नहीं लगता है। वहीं जल सेवा की संयोजिका प्रमिला मारवाह का कहना है कि एक बार उनके पति ट्रेन में सफर कर रहे थे, दौरान उन्हें प्यास लगी लेकिन कई किलोमीटर सफर तय करने पर भी उन्हें स्टेशन पर पानी नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने तय किया कि ग्वालियर पहुंचकर जल सेवा का काम शुरू करेंगे। चार लोगों के साथ शुरू किया गया यह कार्य आज बड़ा स्वरूप ले चुका है। यह लोग सुबह आठ बजे स्टेशन पर पहुंच जाते हैं और देर शाम तक यह सिलसिला जारी रहता है, सेवा कार्य करने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है। यही कारण है कि लोग शिफ्ट के हिसाब से यहां काम करते हैं।
26 साल से कर रहे हैं पानी पिलाने का काम
वहीं यात्रियों का कहना है कि यह बेहद ही अच्छा काम है। गर्मियों में लोग पीने के पानी के लिए तरसते हैं। ऐसे में लोग ट्रेन में बैठे यात्रियों को पानी पिला रहे हैं। गौरतलब है कि यह लोग पिछले 26 साल से इस काम को कर रहे हैं। इनके समूह में 18 साल के युवा से लेकर 90 साल तक के बुजुर्ग शामिल है और यह लोग सेवा जल जनरल कोच में ही करते हैं। क्योंकि जनरल कोच के लोगों के पास इतना पैसा नहीं होता है कि वह पानी की बोतल खरीद कर पानी पी सके और कई बार भीड़ होने के चलते स्टेशन पर आकर पानी नहीं भर पाते हैंष ऐसे में उन्हें प्यासे ही सफर करना पड़ता है।