नीमच में कांग्रेस को बड़ा झटका, टिकट वितरण से नाराज पूर्व पार्षदों ने एक साथ छोड़ी पार्टी

7/4/2022 2:03:18 PM

नीमच (सिराज खान): कांग्रेस के नेताओं में परिषद चुनाव में टिकट वितरण को लेकर असंतोष दिखाई देने लगा है। कई पार्षदों के टिकट काट कर दूसरों को दिए जाने से कांग्रेस के पार्षदों ने इस्तीफे देना शुरु कर दिए और इसके साथ ही निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मैदान पकड़ लिया है। जावद नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 9 से पूर्व कांग्रेस पार्षद फजले नबी ने पार्षद टिकट नहीं देने के कारण कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

पूर्व पार्षद ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पिताजी स्वर्गीय मो नबी वार्ड 9 से लगातार 4 बार पार्षद रहे हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ कर्मठ नेता थे। मैं खुद इस वार्ड से 1 बार पार्षद रह चुका हूं मगर पार्टी के चंद गुटबाज नेताओं ने मेरा टिकट काट कर दूसरे को दिलवा दिया जबकि मैं इस वार्ड के रहवासियों की पहली पसंद रहा कोरोना काल हो या कोई भी आपदा हो मैंने हर दम जनसेवा की। वार्ड वासियों का प्रेम और आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ बना रहा है फिर भी ऐसे नेताओं ने मेरा टिकट कटवा दिया जो खुद आज की स्थिति में कोई चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है।

पूर्व पार्षद ने कहा कि हमारी पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन जो कि गांधीवादी विचारधारा की नेता हैं। उनके संसदीय क्षेत्र से मेरे जैसे कट्टर कांग्रेसी कार्यकर्ता का टिकट काट दिया गया, जिसके कारण मैं आहत हूं और कांग्रेस पार्टी को अपने परिवार सहित छोड़ रहा हुं, वार्ड क्रमांक 9 से मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं क्योंकि की ये वार्ड मेरे पिताजी की कर्मभूमि रही है ये वार्ड मेरे लिए मेरा परिवार है। वार्ड वासियों की सहमति से मैं अब निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल करके उनकी सेवा करूंगा।

इसी प्रकार वार्ड क्रमांक 8 से पूर्व पार्षद शाकिर अंसारी ने भी कांग्रेस को अलविदा कर दिया और भाजपा का दामन थाम लिया क्योंकि इस वार्ड से पार्षद रहे शाकिर अंसारी भी टिकट वितरण में गुटबाजी का शिकार हो गए और इसी कारण उन्होंने भी कांग्रेस छोड़ दी। अल्पसंख्यक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रतनगढ़ से गुलाम यजदानी ने भी टिकट वितरण की धांधली का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। यजदानी भी रतनगढ़ क्षेत्र के कांग्रेस के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं।  बता दें कि गुलाम यज़दानी ने रतनगढ़ नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस के टिकट से पिछली बार चुनाव लड़ा था। बहुत कम वोट के अंतर से वे चुनाव हार गए थे। उसके बाद वो लगातार क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए थे। मगर इस बार इतने बड़े नेता को भी परिषद टिकट देते समय तबज्जो नहीं दी गई तो रतनगढ़ क्षेत्र के इस बड़े अल्पसंख्यक नेता ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया जिसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है।

पूरे नीमच जिले में अब कांग्रेस से इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है। इस असंतोष की लहर के कारण इस बार कांग्रेस को चुनाव में अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस की नगर परिषदों में इस बार सीट भी कम आने की संभावना प्रबल होती दिखाई दे रही है क्योंकि इतने नेताओं का एक साथ पार्टी छोड़ना कहीं ना कहीं कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान हो सकता है। वैसे भी जिले की बात की जाए तो कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है। यहां धीरे धीरे भाजपा की बढ़त होती दिख रही है।

कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के कारण कार्यकर्ताओं में भी नाराज़गी पनपने लगी है जो कि आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का बड़ा नुकसान कर सकती है। खास तौर पर अल्पसंख्यक नेता और कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने का काम जो जिले के कुछ नेता कर रहे हैं उनके कारण कांग्रेस का एक बड़ा वोट बैंक खिसकता नज़र आ रहा है। ये वोट बैंक इस बार भाजपा के साथ जा सकता है अगर भोपाल में बैठे बड़े नेताओं ने नीमच जिले पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में यहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता दिखाई दे रहा है।


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Content Writer

meena

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