Video: गुजरात से शादी में शामिल होने MP आए लोग लॉकडाउन में फसे, प्रशासन से लगाई घर पहुंचाने की गुहार
4/8/2020 7:48:50 PM
खंडवा(निशांत सिद्दकी): कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन का असर देखने को मिल सकता है। 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉककडाउन की घोषणा से जो जहां था वो वहीं रह गया। हालांकि लॉकडाउन का फैसला कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुआ लिया गया था लेकिन इससे मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में कुछ लोग बाराती बन कर ऐसे फसे कि जिंदगी भर याद करेंगे। अब तो दुल्हा भी प्रशासन से गुहार लगा रहा है कि दुल्हन बाद में ले जाऊंगा पहले बारातियों को घर पहुंचाया जाए। मध्य प्रदेश प्रशासन के बाद उन्होंने अब गुजरात के ही 25 से 30 लोग ने एक बार फिर सीएम रूपाणी से मदद की गुहार लगाई हैं।
खंडवा के खेड़ापति हनुमान मंदिर क्षेत्र शादी में शामिल होने आए लोग बुरी तरह फस गए हैं। ये लोग अपने रिस्तेदार के यहां शादी में शामिल होने गुजरात और महाराष्ट्र से आए थे। दरअसल यहां रहने वाले जावेद खान का निकाह भोपाल में 25 मार्च को होना था। मेहमान 21 मार्च से ही घर आ गए और अचानक 24 मार्च की रात पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉक डाउन का ऐलान कर दिया। ऐसे में शादी की सारी तैयारिया धरी की धरी रह गई। अब दूल्हा और उसका परिवार मेहमानों की खातिर करते करते परेशान हो गए है। जावेद की मां कहती है की जो घर में था खिला दिया अब तो मेहमानों को खिलाने को भी नहीं है ऐसे में सरकार ने अभी तक कोई मदद करें।
इधर गुजरात से आए मेहमान भी अब परेशान होकर अपने घर वापस जाना चाहते हैं। ऐसे में गुजरात से आए मेहमानों ने अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से गुहार लगाई है कि उन्हें यहां से निकाल कर उन्हें अपने घर भेज दे। गुजरात से आए मेहमान गुलाम खान का कहना हैं कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन से गुजरात जाने की परमिशन मांगी थी लेकिन उन्हें परमिशन नहीं मिली ऐसे में वे अपने प्रदेश के मुखिया से मदद मांग रहे हैं।
दूल्हा जावेद खुद सरकारी अफसरों से संपर्क कर यहाँ फसे मेहमानों को घर पहुंचने की फरियाद कर चूका है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। अब जावेद के परिवार के पास भी अपने मेहमानों को खिलाने के लाले पड़ गए हैं। ऐसे में उसका कहना हैं कि दुल्हन तो वो बाद में भी ले आएगा लेकिन अभी इन मेहमानों को उनके घर पहुंचने में शासन उसकी मदद कर दें। इस सब के बीच जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना हैं कि कोरोना के चलते वे उन्हें गुजरात जाने की परमिशन नहीं दे सकते। लेकिन उनके लिए खाने की व्यवस्था कर सकते हैं।