भोपाल में पंचसेवा गृह निर्माण सहकारी संस्था में धोखाधड़ी का मामला, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) में प्रकरण दर्ज
Saturday, Oct 26, 2024-04:40 PM (IST)
भोपाल (विनीत पाठक) : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में धोखाधड़ी एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें पंच सेवा गृह निर्माण सहकारी संस्था से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तियों पर करोड़ों रुपए की हेराफेरी और सरकार को भारी नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता अनिल अग्रवाल ने इस मामले को उजागर किया है, जिनके मुताबिक संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक गोयल और उनके सहयोगियों ने सदस्यों को भूखंड देने के नाम पर धोखाधड़ी की है।
अनिल अग्रवाल की शिकायत के अनुसार, पंचसेवा गृह निर्माण सहकारी संस्था ने सदस्यों से भूमि के आवंटन के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि एकत्रित की, लेकिन वादानुसार भूखंडों का आवंटन नहीं किया गया। इसके बजाय, भूमि के एक बड़े हिस्से को अवैध रूप से अन्य व्यक्तियों को बेच दिया गया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अशोक गोयल और उनके साथियों ने भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्रियां कराई और सदस्यों को गुमराह किया। साथ ही, इस मामले में सरकारी छूट का भी दुरुपयोग किया गया, जिससे शासन को भी भारी नुकसान हुआ है। शिकायत के अनुसार, पंचसेवा संस्था के अध्यक्ष अशोक गोयल, मनीष तिवारी, नवजोत सिंह, यावर अली खान, रियाज़ खान और अन्य ने संस्था के भूखंडों का दुरुपयोग कर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए हेराफेरी की है। यह आरोप है कि भूखंडों को पहले संस्था के सदस्यों को देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें अन्य व्यक्तियों को बेच दिया गया। इस प्रक्रिया में सरकारी नियमों और छूटों का भी उल्लंघन किया गया।
लोकायुक्त ने किया मामला दर्ज, जल्द होगी बड़ी कार्रवाई
मामले की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से प्रकरण दर्ज कर लिया है। प्रकरण संख्या 2866/24 के तहत अशोक गोयल, मनीष तिवारी और अन्य सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। इस प्रकरण में यह भी उल्लेख किया गया है कि अशोक गोयल के खिलाफ पूर्व में भी कई मुकदमे दर्ज हैं, और वह कई बार जेल जा चुके हैं। फिलहाल वह ज़मानत पर बाहर हैं और उन पर धोखाधड़ी और जालसाजी के गंभीर आरोप लगे हुए हैं।