समापन समारोह में भावुक हो गए CM, कहा- जब विदाई होती, तब मन में तकलीफ होती है

1/10/2023 6:03:18 PM

इंदौर (विवान तिवारी) : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में तीन दिवसीय भारतीय प्रवासी सम्मेलन का समापन हो गया। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंदौर पहुंची। वही उपस्थित अतिथियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भावुक हो गए। उन्होंने यह कहा कि आज दुर्लभ अवसर है। एक ही मंच पर तीन राष्ट्रों के राष्ट्रपति मौजूद हैं। मेरा मन भावविभोर है, दिल आनंद से भरा हुआ है लेकिन एक ग़म भी है। इंदौर ने आपका ऐसा स्वागत किया जैसे कोई शादी में स्वागत करता है, लेकिन जब विदाई होती है, तो फिर मन में तकलीफ होती है।

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• तीन दिन कैसे कट गए पता ही नहीं चला: शिवराज

तीन दिवसीय सम्मेलन पर बोलते हुए प्रदेश के मुखिया ने ये कहा कि तीन दिन आनंद, उमंग, उत्सव के! ये दिन कैसे कट गए पता ही नहीं चला। मन यह सोचकर भारी हो रहा है कि आप चले जाओगे! अरे यहीं रुक जाओ फिर उन्होंने यह कहा कि कल मैं पधारो म्हारे घर कार्यक्रम में गया था। वहां प्रवासी भारतीय भावविभोर थे। ऐसा लगा कि मेहमान और मेजबान नहीं हैं, दो परिवार जुड़ गए हैं। तीन दिन से इंदौर की चर्चा हो रही है। यह कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं था। इंदौर की जनता ने जी जान से ये कार्यक्रम किया।

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• इंदौर जनभागीदारी की भी राजधानी: सीएम

संबोधन के दौरान लगातार बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कही गई बात को याद दिलाते हुए ये कहा कि मोदी जी ने कहा था कि इंदौर स्वच्छता और स्वाद की राजधानी है, मैं कहता हूं कि इंदौर जनभागीदारी की भी राजधानी है। आप सभी ने पौधरोपण किया है, इन पेड़ों को हम बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री जी ने वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया।

पर्यावरण बचाने के लिए पंचामृत का मंत्र दिया। प्रदेश की मुख्य परंपरा पर बात करते हुए सीएम शिवराज ने यह कहा कि मध्यप्रदेश में हम कोई भी कार्यक्रम बेटियों के पूजन से प्रारंभ करते हैं। हमारी ग्रोथ रेट भारत में सबसे ज्यादा 19.76% है। भारत की जीडीपी में हमारा योगदान 4.3% है। हमारा शरबती गेहूं, चीनोर चावल प्रसिद्ध है।

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मैं आपसे निवेदन कर रहा हूं कि एमपी को मत भूलना: मुख्यमंत्री चौहान

भावुक होकर धीमी आवाज में सीएम शिवराज ने ये कहा कि मैं आपसे निवेदन कर रहा हूं, एमपी को भूलना मत। निवेश में जो योगदान हो सकता है, करें। आप खुद भी निवेश करें, दूसरों से भी करवाएं। हम और आप दूर नहीं हैं। हमने फ्रेंड्स ऑफ एमपी बनाया है। आप भी मध्यप्रदेश के दोस्त बनो। अपनी मातृभूमि के लिए छोटा-मोटा योगदान जरूर दो। उन्होंने यह भी कहा कि आप अभी भी घूमकर ही जाना, एकदम से मत चले जाना! आपको मैं चीता देखने फरवरी में बुलाऊंगा। आप समिट के अलावा भी मध्यप्रदेश आयें। विदाई की बेला आ गई है। इंदौर की यादों, मध्यप्रदेश की पावन स्मृतियों और हृदय में हमारे प्रेम को लेकर विदा लें। आपके बिना ये कन्वेन्शन सेंटर, राजवाड़ा, 56 दुकान, सराफा और इंदौर सूना लगेगा। आपको कल जो असुविधा हुई, उसके लिए मैं आपसे क्षमा मांगता हूं।


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Content Writer

meena

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