CM शिवराज की बड़ी घोषणा, बेटियों की इंजीनियरिंग, लॉ, IIT और मेडिकल कॉलेज की फीस का खर्चा उठाएगी सरकार
5/2/2023 5:57:06 PM
भोपाल: सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की बेटियों को बड़ी सौगात दी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) ने भोपाल में घोषणा की है कि लाडली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana) के तहत अब इंजीनियरिंग कॉलेज, लॉ कॉलेज, आईआईटी एवं मेडिकल कॉलेज की फीस का खर्चा सरकार उठाएगी। लाडली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana) के 16 साल पूरे होने पर भोपाल (Bhopal) में एक लाडली लक्ष्मी उत्सव (Ladli Laxmi Utsav) का आयोजन किया है। कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह के साथ सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मंत्री विश्वास सारंग, गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर और मेयर मालती राय भी मौजूद रहीं। बता दें कि आज के ही दिन 2007 में इस योजना की शुरुआत की गई थी।
मंच से संबोधन करते हुए सीएम ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana) को 16 साल हो गए। इस दौरान उन्होंने लाडली लक्ष्मी योजना शुरु करने के पीछे की कहानी सुनाई। सीएम ने कहा कि सीएम बनने से पहले मैं किसी कार्यक्रम में भाषण दे रहा था कि बेटी बचाओ, तब एक बूढ़ी अम्मा खड़ी हो गई और कहा कि बेटी की शादी के लिए दहेज कौन देगा। मैंने तभी सोच लिया था कि भाषण देने से कुछ नहीं होगा। शिवराज तुझे कुछ करना होगा। फिर मैं मुख्यमंत्री बना तब मैंने सोचा कि क्यों न ऐसा हो कि बेटी पैदा होते ही लखपति बन जाए। मैंने अपने अधिकारियों को बुलाया और कहा कि ऐसी योजना बनाओ कि बेटी पैदा होते ही लखपति बन जाए। अधिकारी ने कहा कि ऐसा होना असंभव है। मैंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन बेटी पैदा होते है लखपति बनेगी और मैंने लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत की।
लाडली लक्ष्मी योजना बनने से पहले समाज बेटा-बेटी में भेद करता था। मां की कोख से बेटा पैदा हो या बेटी बोझ नहीं होता। लेकिन हमारे समाज में ऐसा होता था। बेटियों को बोझ समझा जाता था। इसलिए बेटी के पैदा होने पर सबका चेहरा उतर जाता था। यही कारण था कि केवल बेटे पैदा होने लगे हैं। एक हजार पर केवल 911 लड़कियां पैदा हो रही थी। बेटियों को लेकर ऐसी गंभीर परिस्थितियों उत्पन्न हो गई थी। लेकिन ये लाडली लक्ष्मी योजना का प्रभाव ही है कि आज प्रदेश में एक हजार लड़कों और 956 लड़कियों का जन्म हो रहा है। मुझे खुशी है कि अब प्रदेश में पैदा होने वाली बेटियों की संख्या बढ़ी है। अब बेटियां मुस्कुरा रही हैं, खिलखिला रही हैं। अच्छे गीत गाती हैं, अच्छा बोलती हैं, अच्छा संचालन भी करती हैं, अच्छा खेलती हैं, अच्छा पढ़ती हैं और जरूरत पड़ती है, तो गुंडों की अक्ल भी ठिकाने लगा देती हैं।