कॉलर वाली बाघिन ने ली अंतिम सांस, एक साथ 5 शावकों को जन्म देने का बनाया था रिकार्ड

Sunday, Jan 16, 2022-03:52 PM (IST)

सिवनी (क़ाबिज़ खान): विश्व कीर्तिमान बनाने वाली पेंच नेशनल पार्क सिवनी की सत्रह साल की कॉलर वाली बाघिन ने कल शाम अंतिम सांस ली. इस खबर से सारे विश्व के वन्य अमले में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं  वन्य जीव प्रेमियों ने सोशल मीडिया में अपनी सबसे चहिती बागिन के लिए शोक संदेश छोड़े हैं. 

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश को टाइगर्स स्टेड का दर्जा दिलाने में 30 शावकों को जन्म देने वाली कॉलर वाली बाघिन की भूमिका अहम थी. कॉलर वाली बाघिन का जन्म सितम्बर 2005 में हुआ था. यहां पेंच नेशनल पार्क की शान थी. पेंच टाईगर रिजर्व में मादा बाघिनों की श्रेणी में कॉलर वाली का स्थान सबसे ऊपर था. इस बाघिन ने सबसे पहले 2006 में तीन शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बारिश के चलते तीनों शावकों की मौत हो गई थी. इसके बाद उसी साल बाघिन ने फिर चार शावकों को जन्म दिया था. अगले क्रम में भी पांच शावकों को जन्म दिया था.

बाघिन ने इसके बाद लगातार दो बार तीन-तीन शावकों को जन्म दिया और अप्रैल 2015 में चार और नन्हें शावकों को जन्म देकर पेंच की सर्वाधिक 22 शावकों को जन्म देने वाली बाघिन बन चुकी थी. वहीं 2017 में बाघिन ने चार और शावकों को जन्म दिया था. जिससे यह संख्या बढक़र 26 हो गई थी. वहीं अभी जनवरी माह में 4 शावकों को जन्म देकर अभी तक इसके द्वारा दिए हुए शावकों की संख्या 30 थी. एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड भी कॉलर वाली बाघिन के नाम ही दर्ज है. सबसे ज्यादा बच्चों को जन्म देने का रिकार्ड इसके पहले यह कीर्तिमान रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में 23 शावकों को जन्म देने वाली मछली बाघिन के नाम मिलता था. लेकिन अभी वर्तमान में कॉलर वाली बाघिन को मिलता था. कॉलरवाली नाम से मशहूर पेंच राष्ट्रीय उद्यान सिवनी की बाघिन को मार्च 2008 में गले में कॉलर लगा होने के कारण इस बाघिन का नाम कॉलर वाली बाघिन पड़ गया था. 

 

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  • पेंच नेशनल पार्क कालर वाली बाघिन ने सुंदर धारा के पास ली अंतिम सांस
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News Editor

Devendra Singh

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