भगवान शहस्त्रबाहु पर आपत्तिजनक शब्दों के लिए धीरेंद्र शास्त्री ने मांगी माफी, कहा- हमारे बयान से किसी की भावना आहत हुई तो हमें खेद हैं
Saturday, Apr 29, 2023-12:10 PM (IST)

छतरपुर : अपने बयानों से हमेशा विवादों में रहने वाले बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने हाल ही में भगवान शहस्त्रबाहु पर दिए बयान को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने ट्वीट कर खेद जताया है। धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने कहा कि अगर किसी की भावना आहत हुई है तो उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं।
विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है एक चर्चा के मध्य में मेरे द्वारा भगवान परशुराम जी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है…
— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) April 28, 2023
हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग… pic.twitter.com/YVpfmlX8IQ
दरअसल, एक कथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने भगवान शहस्त्रबाहु पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने भगवान सहस्त्रबाहु के बारे में घोर आपत्तिजनक टिप्पणियां की। उन्होंने भगवान सहस्त्रबाहु को बलात्कारी, राक्षस जैसे शब्दों से निरूपित किया। कथा का वीडियो वायरल होते ही धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) का जगह-जगह विरोध शुरु हो गया। छतरपुर में उनके बयान से आहत हैहयवंश कलचुरी समाज के लोगों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कानूनी कार्रवाई की मांग की। समाज के लोगों ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) माफी मांगे नहीं तो आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं सीहोर जिले के हैहयवंशी क्षत्रिय समाज कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा सोशल मीडिया और कथा में भगवान श्री राजराजेश्वर द्वारा की गई टिप्पणी से नाराज है। समाज के नाराज लोगों ने थाना कोतवाली में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की।
बढ़ते विरोध को देखते हुए धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने माफी मांगी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है एक चर्चा के मध्य में मेरे द्वारा भगवान परशुराम जी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है। हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नहीं था न ही कभी होगा, क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं। फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो तो इसका हमें खेद है। हम सब हिंदू (Hindu)एक हैं। एक रहेंगे। हमारी एकता ही हमारी शक्ति है।