दुर्ग में डिजिटल ठगी का जाल — खुद को अफसर बताकर उड़ाए लाखों रूपये, सातवां आरोपी गिरफ्तार

Friday, Sep 05, 2025-06:46 PM (IST)

दुर्ग। (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ऑनलाइन ठगी के एक हाई-प्रोफाइल मामले में थाना नेवई पुलिस ने एक और बड़ी कामयाबी दर्ज की है। खुद को CBI अधिकारी बताकर लोगों को डरा-धमका कर ठगी करने वाले संगठित साइबर गिरोह के सातवें आरोपी लाईक अहमद को पुलिस ने लखनऊ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लिया है। इस जालसाज गैंग ने एक परिवार से कुल 54 लाख 90 हजार रुपये की ठगी की थी। मामले में अब तक कुल 7 आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, जिनमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के साइबर अपराधी शामिल हैं। 

पीड़िता नम्रता चंद्राकर, निवासी दुर्ग, ने थाना नेवई में शिकायत दर्ज कराई थी कि 29 अप्रैल 2025 को एक अज्ञात व्यक्ति ने उनके पिता को वीडियो कॉल कर खुद को CBI अधिकारी बताया। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके पिता का केनरा बैंक खाता किसी "नरेश गोयल" को बेचा गया है, और उससे 2 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। आरोपियों ने इस फर्जी मामले में गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए पूरे परिवार की संपत्ति की जानकारी ली और अलग-अलग खातों में 29 अप्रैल से 29 मई 2025 के बीच किस्तों में 54.90 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

 पुलिस जांच और कार्रवाई:

शिकायत की जांच में सामने आया कि यह कोई आम ठगी नहीं, बल्कि सुनियोजित साइबर अपराध था, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से ऑपरेट हो रहा ठगों का नेटवर्क शामिल है।

PunjabKesariअब तक गिरफ़्तार हुए आरोपी:

1. राजेश विश्वकर्मा उर्फ राजू पेंटर – हजरतगंज, लखनऊ (UP)

2. दीपक गुप्ता – हजरतगंज, लखनऊ (UP)

3. कृष्ण कुमार गुप्ता – रविदास नगर, लखनऊ (UP)

4. शुभम श्रीवास्तव – त्रिवेणी नगर, लखनऊ (UP)

5. ऋषिकेश जोशी – यशस्वी नगर, ठाणे (MH)

6. चंदन बालकरण सरोज – मानपाड़ा, ठाणे (MH)

7. लाईक अहमद – गोण्डा (UP), हाल निवासी लखनऊ — अब गिरफ्तार

लाईक अहमद की गिरफ्तारी कैसे हुई?

गिरफ्तारी के बाद पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य फरार आरोपी लाईक अहमद, जो इस पूरे ठगी नेटवर्क का अहम सदस्य है, पहले से ही लखनऊ साइबर क्राइम थाना के अपराध क्रमांक 98/25 के तहत लखनऊ जेल में बंद था। उसके ऊपर BNS की कई धाराओं और IT एक्ट के तहत केस दर्ज हैं।

नेवई पुलिस ने तुरंत माननीय न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त किया और लाईक अहमद को लखनऊ से दुर्ग लाकर स्थानीय कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।


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Content Editor

Himansh sharma

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