पंप कनेक्शन को लेकर बिजली कंपनी का तुगलकी फरमान, किसानों की बढ़ी परेशानी
Thursday, Nov 06, 2025-07:33 PM (IST)
रायसेन (शिवलाल यादव) : रबी सीजन में सिंचाई के लिए पंप कनेक्शन की आवश्यकता पड़ती है। किसान अपनी जरूरत के हिसाब से कनेक्शन लेते हैं, लेकिन मप्र मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी ने कृषि पंप कनेक्शन जारी किए जाने के मामले में अपने कुछ नियम, कायदे, कानून बना रखे हैं। जिसमें यह शर्ते भी लागू की गई है कि किसानों को न्यूनतम तीन महीने के लिए पंप कनेक्शन दिया जाएगा। इससे कम अवधि का कोई कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। जबकि कंपनी ने अपने ट्रैरिफ प्लान में एक महीने से लेकर पांच माह की अवधि तक के लिए कनेक्शन की दरें निर्धारित की जाती है। तीन माह के पीछे कंपनी का तर्क यह है कि इससे कम अवधि का यदि कनेक्शन दिया भी जाता है तो भी किसान बिजली का उपयोग दो से तीन महीने तक करता है। ऐसे में बिजली चोरी के प्रकरण भी बनाने पड़ते हैं।
बनाया नया टैरिफ प्लान
बिजली वितरण कंपनी ने रबी सीजन में सिंचाई के लिए दिए जाने वाले अस्थाई कनेक्शनों की दरे जारी कर दी है। लेकिन जो नया टैरिफ प्लान बनाया गया है, उसमें किसानों को न्यूनतम तीन महीने का विद्युत पंप कनेक्शन लेने की अनिवार्यता बाध्य की गई है। यह ऐसी बाध्यता है जिसमें किसानों को ना चाहकर भी तीन महीने के लिए कनेक्शन शुल्क एडवांस में जमा करना होगा।
पूर्व में यही स्थिति सामने आने पर किसानों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा था। जिसके बाद कंपनी के सीएमडी ने नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए दो महीने का कनेक्शन दिए जाने के आदेश जारी किए थे। वहीं स्थिति एक बार फिर सामने आने पर किसान विरोध करने की चेतावनी दे रहे हैं। बताया गया कि बिजली कंपनी जिले में हर साल रबी सीजन में 22 से 24 हजार रूपये वसूलकर अस्थाई कनेक्शन जारी करती है।
यह है किसानों की मजबूरी
पिछले दो-तीन सालों से लगातार फसलें खराब होने के कारण किसानों की हालत पहले से ही खस्ताहाल है। इस खरीफ सीजन में भी अतिवृष्टि की वजह से फसलें खराब हुई है। वहीं कंपनी के तुगलकी आदेश ने किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया हैं। पहले तो किसानों के पास इतना रूपया नहीं है कि वे सीधे तीन माह का कनेक्शन ले। एक माह के कनेक्शन के लिए ही जैसे-तैसे करके बमुश्किल रूपये जुटा पा रहे हैं। ऐसे में कंपनी के आला अफसरों का यह कहना कि तीन महीने से कम कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। तो किसानों के लिए यह किसी आफत से कम नजर नहीं आ रहा है। बताया गया कि कुछ साल पहले भी कंपनी ने ऐसे ही तुगलकी आदेश जारी किए जाने के कारण किसानों के विरोध के बाद सीएमडी को अपना आदेश में स्थिलता प्रदान करते हुए दो महीने का कनेक्शन जारी करना पड़ा था।
कंपनी दे रही समायोजन का आश्वासन
बिजली वितरण कंपनी कान को उलटे पकड़ने जैसी बात कर रही है। कंपनी का कहना है कि यदि किसी को एक माह या दो माह का कनेक्शन चाहिए तो उसे तीन माह का कनेक्शन लेना अनिवार्य होगा। लेकिन यदि वह एक या दो माह में अपना कनेक्शन कटवा लेता है तो उसकी शेष राशि या तो वापस लौटा दी जाएगी या उसके बिल में समायोजित कर दी जाएगी।
परिवर्तनशील हो सकती है दरें..
बिजली वितरण कंपनी ग्रामीण क्षेत्र के कृषि पंप कनेक्शनों के लिए जो टैरिफ प्लान जारी किया गया है। उसमें विद्युत दरों की गणना राज्य शासन से दी गई सब्सिडी कम करने के पश्चात की गई है। लेकिन कंपनी यह भी कह रही है कि एफसीए चार्जेस में समय-समय पर परिर्वतन होने से उपरोक्त दरें परिवर्तनशील हो सकती है। ऐसे में जो कंपनी का टैरिफ है उसमें आगे चलकर दरें बढ़ सकती है। वहीं कंपनी किसानों को यह सलाह भी दे रही है कि उचित रेटिंग का कैपेसिटर पंप कनेक्शन पर स्थापित किया जाए। यदि किसान कैपेसिटर लगाते हैं तो उनसे इसका प्रभार नहीं लिया जाएगा। कैपेसिटर नहीं लगे होने की स्थिति में सरचार्ज भी जमा करना होगा।
इनका कहना है...
किसानों को खेतों में रबी सीजन की फसलों की पलेवा सिंचाई के लिए मप्र मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी ग्रामीण द्वारा अस्थाई पंप बिजली कनेक्शन देना शुरू कर दिया गया है। इनमें तीन महीने की अनिवार्यता की गई है। किसानों से एकमुश्त राशि जमा कराई जा रही है। एसके पटेल जेई मध्य क्षेत्र ग्रामीण रायसेन



