कलेक्टर साहब, मैं जिंदा हूं! सरकारी रिकॉर्ड में मृत निकला किसान, खुद को जिंदा साबित करने हो रहा परेशान

Wednesday, Dec 24, 2025-01:31 PM (IST)

कटनी। सरकारी लापरवाही की एक चौंकाने वाली तस्वीर कटनी जिले से सामने आई है, जहां एक जिंदा किसान को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया। मामला इतना गंभीर है कि किसान की आजीविका पर सीधा असर पड़ा और वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर हो गया।

कटनी जिले की रीठी तहसील के ग्राम गुरजीकला निवासी किसान रामभरण विश्वकर्मा ने समर्थन मूल्य पर 250 क्विंटल धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन जब मोबाइल पर पंजीयन से जुड़ा मैसेज आया तो उसके होश उड़ गए।

सिस्टम में उसे “मृत” बताया गया

समग्र आईडी में भी नाम मृत श्रेणी में दर्ज

धान खरीदी का पंजीयन स्वतः निरस्त

किसान का कहना है कि खाद विभाग की गंभीर लापरवाही ने उसे जिंदा होते हुए भी कागजों में मृत बना दिया। इसका सीधा असर उसकी आमदनी और मानसिक स्थिति पर पड़ा है।

न्याय की उम्मीद में किसान ने सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली। दस दिनों तक भटकने के बाद आखिरकार पीड़ित किसान कटनी कलेक्टर कार्यालय पहुंचा, जहां उसने अपनी आपबीती कलेक्टर आशीष तिवारी को सुनाई।

कलेक्टर ने मामले को गंभीर मानते हुए एसडीएम को जांच के निर्देश दिए हैं।

यह मामला सिर्फ एक किसान की परेशानी नहीं, बल्कि सरकारी सिस्टम की उस खामी का उदाहरण है, जो किसी भी आम नागरिक को कागजों में “मृत” बना सकती है।

सवाल यह है - 

जब किसान जिंदा है, तो सिस्टम ने उसे क्यों मार दिया? और कब मिलेगा उसे इंसाफ?


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Content Editor

Himansh sharma

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