दुर्ग में शिक्षक बने हर्बल गुरु स्कूल की जगह अब फिटनेस और फॉर्मूला बेचने में व्यस्त

Sunday, Aug 31, 2025-12:11 PM (IST)

दुर्ग। (हेमंत पाल): एक समय था जब गुरु बच्चों को जीवन का मार्ग दिखाते थे, अब वही गुरुजी हर्बल लाइफ के ज़रिए वजन घटाने और सेहत बनाने की सलाहें बाँटते फिर रहे हैं। स्कूल की कक्षा अब पीछे छूट चुकी है और जगह ले ली है ऑनलाइन मीटिंग्स, शेक रेसिपी, और डाइट चार्ट्स ने। दुर्ग जिले में यह चलन तेजी से बढ़ा है  और इसमें शामिल हैं खुद शासकीय शिक्षक, जिनका असली काम बच्चों को शिक्षा देना है, न कि लोगों को हर्बल लाइफ की सदस्यता दिलवाना।

सूत्रों के मुताबिक, हर्बल लाइफ से जुड़े अधिकांश लोग शिक्षक हैं जो स्कूल समय में ही ऑफिस मीटिंग करते हैं, प्रोटीन शेक पीने का तरीका बताते हैं, और लोगों को फिटनेस का पाठ पढ़ाते हैं। इतना ही नहीं, कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो स्कूल में बैठकर ही ऑनलाइन हर्बल सेशन लेते हैं, जबकि उसी वक्त बच्चे बिना पढ़ाई के स्कूल में बैठे होते हैं।

क्या यही है हमारे देश के भविष्य का मार्गदर्शन?

जब शिक्षक ही अपने मूल कर्तव्य से भटक जाएं, तो सवाल उठता है ऐसे लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, उनका भविष्य अधर में लटका है, और जिम्मेदार शिक्षक अब नेटवर्किंग बिजनेस के धंधे में मशगूल हैं।

हर्बल लाइफ एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है, जो वेलनेस और न्यूट्रिशन उत्पाद बेचती है। लेकिन दुर्ग जिले में इसका जो स्वरूप उभर कर आया है, वह चौंकाने वाला है। शिक्षक अब खुद को वेलनेस कोच कहकर पेश कर रहे हैं और सोशल मीडिया से लेकर व्हाट्सएप ग्रुप्स तक, हर जगह उनकी प्राथमिकता केवल कस्टमर बनाना रह गया है, न कि छात्र तैयार करना।

क्या शिक्षा विभाग जागेगा?

इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है, जबकि यह बात लंबे समय से सामने आ रही है। जरूरत है कड़े निरीक्षण और सख्त कदम उठाने की – क्योंकि जब शिक्षक ही रास्ता भटक जाएं, तो छात्र किससे उम्मीद करें?

बच्चों का सवाल

सर अब हमें पढ़ाते नहीं, वो मोबाइल में कुछ मीटिंग करते रहते हैं। हम कुछ पूछते हैं तो कहते हैं बाद में बताऊँगा। ऐसे में क्या शिक्षा सिर्फ एक साइड बिजनेस बन गई है, और असली पेशा अब MLM नेटवर्किंग?


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Himansh sharma

Related News