शिक्षा विभाग की लापरवाही से संकट में भविष्य, स्कूल नहीं… पंचायत भवन बना क्लास!
Tuesday, Aug 19, 2025-07:59 PM (IST)

दुर्ग (हेमंत पाल) : दुर्ग जिले के धमधा से एक शर्मसार कर देने वाली तस्वीर-धमधा ब्लॉक के ग्राम खैरझिटी में शिक्षा विभाग की लापरवाही का ऐसा उदाहरण सामने आया है, जहां बच्चों का भविष्य फाइलों और वादों के बीच फंसा हुआ है। यहां पिछले दो साल से स्कूल की बिल्डिंग जर्जर पड़ी है, और अब बच्चों को पंचायत भवन में पढ़ने के लिए मजबूर कर दिया गया है। गांव के इस प्राथमिक शाला में कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाई होती है, लेकिन भवन की हालत इतनी बदतर है कि छत गिरने का डर हर वक्त बना रहता है। हैरानी की बात ये है कि मुख्यमंत्री जतन योजना, जो जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए बनाई गई थी, उसमें भी इस स्कूल का नाम कहीं नहीं है। न विभाग ने संज्ञान लिया, न मरम्मत की प्रक्रिया शुरू हुई।
अब हालात ये हैं कि मासूम बच्चे उस जगह पढ़ रहे हैं, जहां पंचायत की मीटिंग होती है, पटवारी-इंजीनियर आते-जाते हैं और ग्रामीणों का रोज जमावड़ा लगता है। शोरगुल के बीच न पढ़ाई हो पा रही है, न मन लग पा रहा है। ये हाल किसी इमरजेंसी के नहीं, दो साल से जारी "व्यवस्था" का है।
पंचायत भवन में शौचालय तक नहीं है, और बच्चे खुले में जाने को मजबूर हैं। बारिश में कीचड़, गड्ढे और भरा हुआ पानी बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। लेकिन शिक्षा विभाग के लिए शायद ये चिंता की बात नहीं, क्योंकि दो साल में कोई अफसर, कोई इंजीनियर देखने तक नहीं आया।
क्या यही है हमारा "शिक्षित छत्तीसगढ़" का सपना?
क्या शिक्षा विभाग को बच्चों की पढ़ाई और जान की कीमत समझ में नहीं आती?
या फिर योजनाएं सिर्फ बजट पास करने और ठेकेदारों को भुगतान करने के लिए हैं?
खैरझिटी के बच्चों को न स्कूल मिला, न सुरक्षा। मिला तो सिर्फ शिक्षा विभाग की बेरुखी और सिस्टम की चुप्पी।
जिम्मेदार कौन?
कब जागेगा शिक्षा विभाग? और कब मिलेगी इन बच्चों को एक सुरक्षित स्कूल?
ABO बेनीराम वर्मा धमधा ने जानकारी दी है कि क्षेत्र के एक शासकीय स्कूल की हालत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। विद्यालय भवन की हालत इतनी खराब हो गई है कि अब उसकी मरम्मत संभव नहीं रह गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए, स्कूल के नए भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर जिला कार्यालय को भेजा जा चुका है
बीईओ ने बताया कि यह स्कूल पहले भी मरम्मत के दौर से गुजर चुका है, लेकिन अब संरचना इतनी कमजोर हो गई है कि केवल रिपेयरिंग से काम नहीं चलेगा। नए भवन के निर्माण के साथ-साथ नया हवन स्थल भी तैयार किया जाएगा, ताकि छात्रों को बेहतर और सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण मिल सके।