हरिहर मिलन आज रात: महाकाल और गोपालकृष्ण का होगा दिव्य संगम, उमड़ेगा आस्था का सागर
Monday, Nov 03, 2025-05:36 PM (IST)
            
            उज्जैन (विशाल सिंह) : उज्जैन में आज देर रात एक बार फिर साक्षी बनेगा अद्भुत हरिहर मिलन का दिव्य क्षण, जब भगवान महाकाल और भगवान गोपालकृष्ण का पावन संगम होगा। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी की मध्य रात्रि में मनाई जाने वाली यह परंपरा बैकुंठ चतुर्दशी के रूप में प्रसिद्ध है। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से भगवान महाकाल की सवारी भव्य गाजे-बाजे के साथ श्री गोपाल मंदिर पहुंचेगी। वहां श्रद्धालुओं की हजारों की भीड़ "हर-हर महादेव" और "जय श्रीकृष्ण" के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना देगी।
गोपाल मंदिर पहुंचकर भगवान महाकाल का स्वागत किया जाएगा और पूजन-अर्चन के बाद भगवान महाकाल की ओर से भगवान गोपालकृष्ण को बिल्व पत्र अर्पित किए जाएंगे। यह दृश्य इसलिए विशेष होता है क्योंकि परंपरागत रूप से शिव को तुलसी और विष्णु को बिल्व पत्र नहीं चढ़ाए जाते, लेकिन इस रात यह परंपरा टूटती है और हर-हर व हरि का मिलन भक्तों के हृदय को आनंद और भक्ति से भर देता है।
सदियों पुरानी इस परंपरा में पहले गोपालकृष्ण की सवारी भी महाकाल मंदिर जाती थी, लेकिन अब यह व्यवस्था बदलकर केवल महाकाल की सवारी ही गोपाल मंदिर जाती है। पूरी रात उज्जैन का माहौल दीपावली की तरह जगमगाता है, मार्ग रोशनी और फूलों से सजा होता है, आसमान पटाखों और जयकारों से गूंजता है।
हरिहर मिलन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि शिव और विष्णु एक ही परमात्मा के दो रूप हैं। प्रशासन, पुजारियों और श्रद्धालुओं के संयुक्त प्रयासों से इस प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा आज भी जीवित है।

