Gwalior News: राजस्थान के डिप्टी CM के अपमान के मामले ने पकड़ा तूल, देशभर में हो रहा IAS शिखर अग्रवाल का विरोध
Friday, Sep 13, 2024-05:07 PM (IST)
ग्वालियर। राजस्थान में दलितों के उत्पीड़न और उनसे भेदभाव का मुद्दा सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। आपको बता दें कि राज्य के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को लेकर सोशल मीडिया पर दावे किए जा रहे हैं कि एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने उनका अपमान किया है, इस अपमान की वजह लोग डिप्टी सीएम के दलित समाज से होने को ही मान रहे हैं। जिसके चलते ग्वालियर में भी ओबीसी व दलित वर्ग के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आईएएस अग्रवाल के इस कृत्य को निंदनीय बताया और इसे आईएएस अग्रवाल का जाति के प्रति पूर्वाग्रह पूर्ण उपेक्षित रवैया बताया साथ ही आईएएस अग्रवाल को पद से हटाने की मांग की गई।
देश की राजनीति का रुख इस समय जातिगत राजनीति की ओर है। इस समय जाति को लेकर डिप्टी सीएम बैरवा के साथ किया आईएएस ऑफिसर का दुर्व्यहवार तुरंत ही सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया। राजस्थान के मामले पर पूरे देश से प्रतिक्रिया आने लगी देश की राजनीति ने सोशल मीडिया ट्रेंड को हाथों हाथ लिया और इसपर देश भर से सामाजिक व राजनैतिक लोगों ने अपना रोष भी व्यक्त करना शुरू कर दिया है, इस कड़ी में ग्वालियर शहर के ओबीसी समाज के नेताओं और काँग्रेस पार्टी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है
जानिए क्या है पूरा मामला
राजस्थान में सत्ता में वापसी के बाद ही बीजेपी ने एक सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम वाले फॉर्मूले को राजस्थान में भी लागू किया और दलित समाज से आने वाले डॉ. प्रेम चंद बैरवा को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया. बैरवा राज्य में पार्टी के प्रमुख दलित चेहरों में से एक हैं और समाज के लोगों के बीच लगातार अपने कार्यों के चलते पार्टी नेतृत्व ने उन्हें सूबे का डिप्टी सीएम बनाया. पर भोज के दौरान जब उनकी चिन्हित कुर्सी पर आईएएस अधिकारी ने कब्जा जमा लिया तो दलित समाज ने इसे एक दलित डिप्टी सीएम का अपमान समझा। पूर्व में भी एक बार उनके द्वारा प्रेमचंद्र बैरवा के जूतों का मजाक बनाया गय था उसे लेकर भी दलित समाज में आक्रोश है और सोशल मीडिया पर आईएएस शिखर अग्रवाल को यूज़र्स द्वारा जातिगत सोच रखने का आरोप लगाया जा रहा है धीरे - धीरे यह मुहिम मजबूत हुई है और अब आईएएस शिखर अग्रवाल को हटाने की मांग होने लगी है।