राजगढ़ में 29 खदानों के लिए जारी हो चुका है टेंडर, सालों से हो रहे अवैध खनन पर नहीं लग सकी रोक, बैराड़ खदान में पनडुब्बियों से निकाली जाती है रेत

Sunday, Mar 20, 2022-06:04 PM (IST)

राजगढ़ (सुनील सरावत): रेत के वैध खनन कार्य के लिए जिला प्रसाशन एवं खनिज विभाग ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। जिले में वैध रेत खनन का कार्य मेसर्स अर्जुन जगताप को दिया गया है। यह कार्य ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के तहत पूरा किया गया है। लेकिन वैध तरीके से रेत का खनन करना अभी भी आसान नहीं होगा। क्योंकि बिना सिया (स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी) की अनुमति के खनन करना अवैध ही होता है।

दअरसल टेंडर प्रक्रिया के बाद ही एनजीटी और सिया की अनुमतियां होती है। जो काफी कठिन प्रक्रिया होती है। हालांकि अभी भी जिले में कई खदानों पर लगातार अवैध खनन हो रहा है। जिसे रोकना राजगढ़ जिला प्रशासन के लिए चुनौती है। राजगढ़ जिले का खनिज विभाग जो हमेशा सस्ती लोकप्रियता लेता है। अभी तक कोई ठोस वह बड़ी कार्रवाई को अंजाम नहीं दे पाया है।

क्या है सिया का नियम

शासन की ओर से आवंटित की जाने वाली खदानों के संचालन के लिए स्टेट एनवायर्नमेंट एसेसमेंट अथॉरिटी यानी सिया के कई नियम हैं। सिया के निर्धारित नियमों में से एक नियम यह भी है कि खदान तक जेसीबी और डंपर आदि वाहन नहीं ले जाए जाएंगे। खदानों से रेत का परिवहन ट्रेक्टर ट्रॉली के माध्यम से होगा और उस ट्रॉली की रेत को ठेकेदार अपने डंपिंग स्टेशन पर डंप कर सकेंगे। डंपिंग स्थान से ठेकेदार भारी वाहनों में जेसीबी से उस रेत को भरवाकर जहां भेजना चाहता है। वहां भेज सकेगा मगर अक्सर देखने में आता है कि नदियों पर मशीनों की ओर से ही खनन किया जाता है। जीसीबे मशीनों के अलावा पनडुब्बी का भी सहारा लिया जाता है।

रेत का अवैध खनन रोकना प्रशासन की जिम्मेदारी 

अब जिला प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है कि वह अवैध रेत खनन को रोके। क्योंकि जिले में पार्वती नदी के अलावा दूधी और कालीसिंध,  नेवज नदी पर भी बड़े स्तर पर अवैध खनन मशीनों द्वारा किया जाता है। स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से यह अवैध कार्य दिन प्रतिदिन फलता फूलता जा रहा है। यदि बड़े अधिकारी कभी कार्रवाई करने की हिम्मत भी जुटाए, तो उनके सोचने से पहले ही माफिया को खबर लग जाती है और कार्रवाई से पहले वे अपना सामान समेट लेते हैं। अभी तक ब्यावरा एसडीएम अंजली शाह और एसडीएम जूही गर्ग ही वे सफल अधिकारी रहे हैं। जिन्होंने पार्वती नदी पर ठोस कार्रवाई को अंजाम दिया था। अभी भी पार्वती के शेखनपुर, बैराड़, दूधी नदी के समेली, दूधी, नाइहेड़ा और देहरी कराड़ में खदानों पर अवैध रूप से मशीनरी से खनन कार्य किया जा रहा है।

29 खदानें ही वैध 

राजगढ़ जिले में वैध खदानों की बात करें तो केवल 29 है। जिन पर खनन किया जा सकता है। इन 29 खदानों कि 354. 430 हेक्टेयर रकबा भूमि पर यह खनन कार्य किया जा सकता है। लेकिन अवैध खनन के पॉइंट कि यदि बात करें तो 50 से अधिक ऐसी जगह है जहां पर वर्तमान में भी खनन हो रहा है। पिछले वर्षों में गिरजा ट्रेडिंग कंपनी द्वारा भी बिना रॉयल्टी के ही सीधे सांठ गांठ करके अवैध खनन करवाया गया था। जिसमें शासन को राजस्व की बड़ी हानि हुई थी।बाद में यह मामला विधानसभा तक भी पहुंचा था।

रायगढ़


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News Editor

Devendra Singh

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