अहमदाबाद बम धमाकों के आरोपियों का इंदौर कनेक्शन, सिमी सरगना सफदर नागोरी समेत 13 की हुई थी गिरफ्तारी
2/21/2022 11:48:00 AM
इंदौर(सचिन बहरानी): गुजरात की विशेष अदालत ने अहमदाबाद 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में 49 दोषी आरोपियों ने 38 आरोपियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई तो वही 11 आरोपियों को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा। आजादी के बाद भारत के इतिहास में पहली बार इतने लोगों को एक साथ फांसी की सजा सुनाई गई। 26 मार्च की रात 3:00 बजे इंदौर पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से श्याम नगर में गफ्फार बेकरी के मकान पर ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
पुलिस को सूचना मिली थी कि श्याम नगर के अब्दुल गफ्फार के मकान और कुछ लोग रुके हुए हैं। यह सभी लोग देश में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित सिमी संगठन के सरगना सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया। बाद में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में इनकी भूमिका सामने आई। इनमें से छह आरोपियों को अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का आरोपी मानते हुए कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है जबकि एक आरोपी को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा। यह सभी आरोपी इंदौर पुलिस गिरफ्तारी के बाद जेल में थे बम ब्लास्ट में भूमिका सामने आने के बाद गुजरात पुलिस ने जेल से ही ट्रांजिट रिमांड गुजरात लेकर गई और बाद में इन पर आरोप सिद्ध हुए। उत्कृष्ट कार्यों के लिए पांच अधिकारियों को राष्ट्रपति वीरता पदक मिला था तत्कालीन पीथमपुर थाना प्रभारी बीपीएस परिहार और धामनोद थाना प्रभारी बीएस परिहार तिरला थाना प्रभारी अजय कैथवास एडिशनल एसपी वीरेंद्र सिंह और पीथमपुर सीएसपी सुनील मेहता को यह सम्मान मिला था। वर्तमान में बीपीएस परिहार अन्नपूर्णा जॉन के एसीपी है साथ ही सिमी आतंकवादी सफदर नागोरी सहित 13 लोगों के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर भी है। वही तत्कालीन एसपी वीरेंद्र सिंह वर्तमान में सिंगरौली के एसपी है सुनील मेहता एसबी शाखा उज्जैन के एसपी है। अजय कैथवास उज्जैन में ईओडब्ल्यू डीएसपी के पद पर पदस्थ है तो वही बीएस परिहार डीएसपी पद से रिटायर हो चुके हैं।
इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर एसीपी बीपीएस परिहार ने बताया उस वक्त में पीथमपुर में थाना प्रभारी था। हमें मुखबिर से सूचना मिली थी सिमी संगठन के सदस्य पीथमपुर में इकट्ठा हो रहे हैं और देश में किसी आतंकी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं हमने पीथमपुर के कुछ सेक्टर में छापामार कार्रवाई की लेकिन वहां कुछ हाथ नहीं लगा बाद में पता चला सिमी के सदस्य श्याम नगर के एक मकान पर इकट्ठा हो रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की गई एसटीएफ के 15 से 20 जवानों को साथ में लिया गया बुलेट प्रूफ जैकेट आगे के लोगों ने पहना और हमने ऑपरेशन रात 3:00 बजे श्याम नगर के मकान पर शुरू कर दिया। जहां पर ऑपरेशन को अंजाम देना था पूरा इलाका संवेदनशील जोन से है। जाने और आने के लिए सिर्फ एक रास्ता है इसलिए सिमी के आतंकियों ने उसी मकान को चुना था कि अगर पुलिस कभी आए तो बाहर निकल नहीं पाएगी। हमें पुख्ता जानकारी थी उनका एक आदमी रात 3:00 बजे आने वाला है हम भी ठीक उसी वक्त पहुंचे तीसरी मंजिल जिस फ्लैट पर सिमी का मुख्य सरगना सफदर नागौरी और अन्य सदस्य रुके हुए थे। उस फ्लैट का दरवाजा उसी तरह खुलवाए जिस तरह दरवाजा जैसा खुलवाने का इनका कोड वर्ड होता है दो बार हमने दरवाजों को नॉक किया उन्हें लगा उनका आदमी है कमरुद्दीन ने दरवाजा खोला था उसने दरवाजा खोला हमने तत्काल सदस्यों को बिस्तर पर ही धर दबोचा हम उस वक्त चूक कर देते तो बाटला हाउस जैसा केस हो जाता क्योंकि सभी आरोपी हथियारबंद थे हाईटेक पिस्टल उनके पास मौजूद था और लोडेड पिस्टल उन्होंने सर के पास रखी थी मुझे आज भी अच्छे से याद है,उन्होंने ने कहा तुम लोग बहुत किस्मत वाले हो जो हमें जिंदा पकड़ रहे हो वरना हम तुम्हें जिंदा मार देते हम मर जाते लेकिन पकड़ में नहीं आते आज तुम में से तीन चार जिंदा वापस नहीं जाते। एक भी डर किसी आतंकी के चेहरे पर नहीं था बेखौफ थे कॉन्फिडेंस बहुत था। सफदर नागौरी का बेंगलुरु में नारको टेस्ट भी हुआ था। पूछताछ में उन्होंने बताया सिमी संगठन को फिर से खड़ा करने का काम कर रहे हैं। अगर आज गिरफ्तार नहीं होते तो देश में बड़ा कुछ जरूर होता यह बात बिल्कुल सत्य है, अगर उस दिन इंदौर में यह सभी सदस्य गिरफ्तार नहीं होते तो देश में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम जरूर देते है वो भी आने वाले कुछ महीनों के अंदर यह देश में एक बड़ी घटना करने की साजिश रच रहे थे। उससे पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन जब तक पुलिस इन्हें गिरफ्तार करती उससे पहले ही है गुजरात के अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की प्लानिंग हिस्सा का बन चुके थे और उस घटना को अंजाम भी दे चुके थे। सफदर नागौरी पूछताछ में बार-बार पुलिस से बोलता था हमें बिल्कुल पता नहीं था कि पुलिस आ रही है और नहीं तो हम फायरिंग जरूर करते लेकिन जिंदा नहीं पकड़े जाते। खरगोन जिले की बलवाड़ा क्षेत्र में आरोदा के जंगलों में आतंकवादियों संगठन की तरह युवाओं को ट्रेनिंग देते थे वहां से पुलिस को डेटोनेटर जिंदाबाद पिस्टल बाइक सहित कई अवैध चीजें बरामद हुई थी। आंख पर पट्टी पर बांधकर फायरिंग, बाइक चलाना नदी को पार करना इस प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती थी। बम बनाने की ट्रेनिंग इन इंदौर के आसपास चोरल के जंगलों सहित कई जगह पर ट्रेनिंग कैम्प बना रखा था। केरल में भी इन्होंने ट्रेनिंग सेंटर खोल रखी थी। इन सदस्यों में केरल के भी सिमी आतंकी के लोग पकड़ाए थे। इनके पास से कई वीडियो और फोटो मिले थे जो देश विरोधी गतिविधियों के लिए थे। ऐसे गतिविधियों को अंजाम देना है जो देश के खिलाफ हो अपनी टीम को कैसे बढ़ाना है हमले कैसे करने हैं ऐसे वीडियोज इनके पास मिले थे और इसी के आधार पर युवाओं को ट्रेनिंग देते थे नफरत फैलाना इनका मकसद था। मध्य प्रदेश से सिमी आतंकी का सरगना एक बड़ा आतंकी टीम का गठन करना चाहता था। इंदौर से सिमी के 13 सदस्य पकड़ाया थे मुख्य सरगना सफदर नागौरी भी इंदौर से गिरफ्तार हुआ था इस कार्रवाई के लिए के अधिकारी इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर है।
ये 13 लोग पकड़े गए थे...
1-सफदर नागौरी
2-हाफिज हुसैन
3-आमिल परवाज
4-शिवली
5--कमरुद्दीन
6-- सादुली
7-यासीन
8-कामरान
9-अहमद बैग
10-खालिद अहमद
11--शमी
12-मनोज अंसार
13-मुनरोज
इनमें से 6 आरोपियों को अहमदाबाद ब्लास्ट के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है तो वही एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मिली है। अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने 38 आरोपियों को सजा सुनाई उनमें 2008 में इंदौर की चर्चित 58 लाख की बैंक की डैकती का दोषी और एक आरोपी भी शामिल है। क्राइम ब्रांच के तत्कालीन डीएसपी और वर्तमान एसपी साइबर एसपी जितेंद सिंह के मुताबिक मुखबिर की सूचना पर आरोपियों का पता चला था। मोबीन खजराना में रहता था जबकि आमीन उसका नजदीकी रिश्तेदार है। दोनों अहमदाबाद ब्लास्ट में शामिल थे। आरोपियों ने मुंबई से कार चुराई और इंडियन मुजाहिदीन के अफजल उस्मानी के कहने पर गुजरात ले गए कार में विस्फोटक रखकर सूरत रेलवे स्टेशन पर खड़ा किया था। सभी साबरमती अहमदाबाद के जेल में बंद है। पुलिस टीम साबरमती जेल पहुंची तो पता चला कि वह सुरंग मनाने में आरोपी पकड़े गए। उन्हें तलोजा जेल मुंबई भेजा दिया गया है। मुंबई जाकर छानबीन कर सभी को गिरफ्तार किया था। ब्लास्ट के बाद आरोपियों ने इंदौर में बैंक डकैती डाली थी डैकती के पैसों से भरी कार दो से तीन दिन एमटीएच कंपाउंड में खड़ी रखी थी इस दौरान अफजल उस्मानी इंदौर आया और एमवाय अस्पताल के सामने होटल में रुका था। आरोपियों ने डकैती के राशि से बरेली में ट्रक खरीद कारोबार शुरू किया था लेकिन बाद में पकड़े गए।
ये है मामला
12 दिसंबर 2008 को कनाडिया रोड के बैंक ऑफ महाराष्ट्र में डकैती हुई थी। सुबह करीब 10:30 बजे हथियारबंद बदमाश मंकी कैप पहनकर बैंक में घुसे और बंदूक के बल पर 58 लाख 60 हजार ले उड़े कुछ समय बाद गोयल नगर के सपना संगीता रोड स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में भी डकैती डाली गई। कुछ समय के अंदर इंदौर में एक के बाद एक तीन बैंकों में डकैती की घटना हुई थी। डकैतों पर एक लाख का इनाम घोषित था। 15 नवंबर 2012 को तत्कालीन आईजी अनुराधा शंकर और एसपी डॉ आशीष के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी मनोज राय डीएसपी जितेंद्र सिंह और निरीक्षक जैन सिंह राठौर की टीम ने डकैती का खुलासा कर इंडियन मुजाहिदीन के मुंबई जेल में बंद आरोपी मोमिन खान और अमीन शेख को गिरफ्तार किया था । इंदौर कोर्ट ने डैकती के मामले में 2020 में मोबिन को 10 साल की सजा सुनाई गई थी और अमीन को कोर्ट ने बरी कर दिया था। फिलहाल आरोपी अहमदाबाद ब्लास्ट केस में जेल में बंद है। गुजरात की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई है। दोनों ही आरोपी इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे इनमें एक आरोपी अमीन पिता अब्दुल शेख खजराना का रहने वाला था।
यह अहमदाबाद बम धमाकों में फंसी की सजा मिले आरोपियों की इंदौर से हुई गिरफ्तारी के मामले में अधिकारियों की बाइट,जिस बैंक में डकैती डाली थी उसके वीडियो, जहा से गिरफ्तारी हुई है सफदर नागोरी सहित अन्य आरोपियों की उस गली के वीडियो भी है इसका पूरा पैकेज बन सकता है।