MP के मंडला में अमानवीय घटना: पंचायत ने आदिवासी परिवार को बनाया बंधक, रात में घर पर लगाया ताला
Sunday, Dec 21, 2025-06:28 PM (IST)
मंडला। (अरविंद सोनी): मध्यप्रदेश के मंडला जिले से प्रशासन और पंचायत व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत पर एक आदिवासी महिला और उसके पूरे परिवार को जबरन बंधक बनाए जाने का गंभीर आरोप लगा है। मामला बम्हनी थाना क्षेत्र के ग्राम भड़िया का है, जहाँ बिना किसी न्यायालयीन आदेश के एक घर को चारों ओर से कांटेदार तार की फेंसिंग कर घेर दिया गया और रात के अंधेरे में घर के मुख्य द्वार पर बाहर से ताला लगा दिया गया।
पीड़िता जयंती मरावी ने बताया कि लगभग दस वर्ष पूर्व उन्होंने शासकीय भूमि पर अपना मकान बनाया था और तभी से वे अपने परिवार सहित उसी मकान में निवास कर रही हैं। महिला का आरोप है कि बाद में ग्राम पंचायत की सहमति से उसी भूमि को किसी अन्य ग्रामीण के नाम आवंटित कर दिया गया। इतना ही नहीं, विवादित भूमि पर “एक बगिया माँ के नाम” योजना का लाभ भी दूसरे व्यक्ति को दे दिया गया।
इस भूमि को लेकर दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है, जो वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद, बिना किसी न्यायिक आदेश और वैधानिक प्रक्रिया का पालन किए पंचायत द्वारा उनके घर के चारों ओर कांटेदार तार की फेंसिंग कर दी गई। महिला का कहना है कि रात के समय घर के मुख्य द्वार पर बाहर से ताला लगा दिया गया, जिससे बच्चे सहित पूरा परिवार घर के अंदर ही कैद हो गया। पूरी रात परिवार भय और तनाव के साए में रहा, बच्चों की हालत बेहद खराब हो गई थी।
पीड़िता ने सवाल उठाया है कि यदि इस दौरान किसी के साथ कोई अनहोनी हो जाती, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता?
इस घटना के बाद पीड़ित परिवार को भारी मानसिक आघात और भय का सामना करना पड़ा। गाँव में भी पंचायत की इस कार्रवाई को लेकर आक्रोश देखने को मिला। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है, तो पंचायत को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसने दिया?
मामला जब मीडिया के संज्ञान में आया, तब प्रशासन हरकत में आया। सूचना मिलते ही तहसीलदार पूजा राणा और बम्हनी थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुँची।
तहसीलदार पूजा राणा ने बताया कि जयंती मरावी द्वारा शिकायत की गई थी कि उनके घर के चारों ओर कांटेदार तार की फेंसिंग कर दी गई है और घर के गेट पर ताला लगाया गया है। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि घर पर ताला लगाना मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित था। प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों को समझाइश दी गई, जिसके बाद घर का ताला तुड़वाया गया और तार की फेंसिंग हटवाई गई।
साथ ही दूसरे पक्ष को यह भी स्पष्ट रूप से समझाया गया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है और आगे की कार्रवाई न्यायालय के निर्णय के अनुसार ही की जाएगी।
बम्हनी थाना पुलिस की उपस्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों और संबंधित पक्षों से चर्चा की गई। प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद घर के सामने की गई तार फेंसिंग हटाई गई और गेट पर लगाया गया ताला तोड़ा गया। इसके बाद आदिवासी महिला जयंती मरावी और उनके परिवार को राहत मिली।
हालांकि इस कार्रवाई से परिवार को तत्काल राहत तो मिली है, लेकिन पंचायत की इस कथित मनमानी ने प्रशासनिक व्यवस्था और कानून के पालन को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

