MP में 50 हजार बिजली कर्मचारी होंगे बेरोजगार! BJP पर लगाया वादखिलाफी का आरोप

Monday, Dec 08, 2025-05:12 PM (IST)

भोपाल: मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने एक बार फिर सरकार पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है। संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव और महामंत्री दिनेश सिसोदिया ने बयान जारी कर कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने अपने वचन-पत्र (क्रमांक-81) में प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों को केंद्र समान सुविधाएं देने और उन्हें संविदा कर्मी बनाने का वादा किया था, लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई।

नई भर्ती में आरक्षण का जिक्र नहीं
नेताओं ने कहा कि बिजली कंपनियों की नई भर्ती नोटिफिकेशन में आउटसोर्स कर्मियों को संविदा या नियमित करने के लिए 50% आरक्षण देने का कोई जिक्र नहीं है। इसके विपरीत, हर डिविजन से प्रतिमाह पाँच आउटसोर्स कर्मचारियों की गोपनीय छंटनी के निर्देश जारी किए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारियों में रोष है।

वर्कलोड बढ़ा, लेकिन मैनपावर नहीं
भार्गव के मुताबिक बीते 10 वर्षों में बिजली कंपनियों में लाइन लंबाई और उपभोक्ताओं की संख्या डेढ़ गुना बढ़ गई है। इससे वर्कलोड में भारी इजाफा हुआ, लेकिन मैनपावर बढ़ाने के बजाय आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। इससे स्थायी कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है और श्रमिकों के लिए काम करना कठिन होता जा रहा है।

चार गुना बढ़ेगा वित्तीय बोझ
संगठन ने चेतावनी दी कि यदि अनुभवी आउटसोर्स कर्मियों को नजरअंदाज़ कर केवल फ्रेशर्स की भर्ती की गई, तो कंपनियों पर चार गुना वेतन का वित्तीय बोझ बढ़ेगा। इसके साथ ही करीब 50 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों के बेरोजगार होने का खतरा भी बढ़ जाएगा।

सरकार से मांग
संगठन ने सरकार से आग्रह किया है कि बिजली कंपनियों में लघु और छोटे पद सृजित किए जाएं और आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा या नियमित कर्मचारी के रूप में समायोजित किया जाए। इससे एक ओर भाजपा के वचन-पत्र का पालन होगा और दूसरी ओर कंपनियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ेगा।


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Content Editor

Vikas Tiwari

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