भालू के हमले से कांपा बकरकट्टा! महिला पर जानलेवा हमला, ग्रामीणों ने बचाई जान
Wednesday, Sep 10, 2025-11:14 AM (IST)

खैरागढ़। (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जंगलों से सटे गांवों में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार दोपहर खैरागढ़ ब्लॉक के बकरकट्टा जंगल में एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब लकड़ी बीनने गई एक महिला पर भालू और उसके दो शावकों ने अचानक हमला कर दिया। हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। गांववालों की बहादुरी से जान बची, लेकिन इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।
भालू और दो शावकों ने किया हमला
संझारी गांव की 40 वर्षीय सुरजौतीन बाई, पत्नी बिहारी लाल पटेल, रोज की तरह जंगल में लकड़ी लेने गई थीं। लेकिन बकरकट्टा के गाताभरी क्षेत्र में झाड़ियों के बीच से निकले भालू और उसके दो बच्चे अचानक उन पर झपट पड़े। महिला के सिर, हाथ और पैरों पर गहरे घाव आए हैं।
उनकी चीख-पुकार सुनकर पास के ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ दौड़े और अपनी जान की परवाह किए बिना भालू को खदेड़ा। महिला को तत्काल बकरकट्टा के स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर देखते हुए छुईखदान अस्पताल रेफर कर दिया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की गश्त और निगरानी व्यवस्था सिर्फ कागजों में है। ना चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, ना ही भालुओं की आवाजाही पर निगरानी के लिए कोई तंत्र सक्रिय है।
क्यों बढ़ रहे हैं भालू के हमले?
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, भालू जैसे जानवर आमतौर पर इंसानों से दूर रहते हैं, लेकिन जंगलों की अंधाधुंध कटाई, खाद्य संकट और मानव बस्तियों में फैलता कचरा उन्हें गांवों की ओर खींच रहा है।
खुले में रखा अनाज, फल और खाना, भालुओं को आकर्षित करता है, जिससे इंसान और जानवरों के बीच संघर्ष की स्थिति बन रही है।