कोरोना से लड़ने के लिए प्रदेश के अस्पतालों में मॉक ड्रिल संपन्न, हमीदिया अस्पताल में कैसी हुई ये खास प्रक्रिया, जानने के लिए पढ़े ये रिपोर्ट
Tuesday, Dec 27, 2022-05:04 PM (IST)

भोपाल (विवान तिवारी): चीन में सबसे बड़ा खतरा बनकर सामने आया कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट (omicron variant) BF.7 तहलका मचा रहा है। इस वैरिएंट के बढ़ते खतरे को भापते हुए केंद्र सरकार (Central Government) ने राज्यों को अलर्ट जारी किया था। अब इसके बाद मध्य प्रदेश में सरकार ने अस्पतालों में सभी तैयारियों को पूरे करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दे दिए हैं। वहीं इन तैयारियों को परखने के लिए मंगलवार सुबह पूरे प्रदेश में मॉकड्रिल कराई गई। स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, गैस राहत और केन्द्र सरकार के चिकित्सा संस्थानों में लिए गए।
चुस्त-दुरुस्त कराई गई व्यवस्था
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) खुद पहुंचे और इसके साथ में ही उन्होंने अधिकारियों से सभी तैयारियों का जायजा लिया। वहीं इस दौरान उन्होंने ये देखा कि किसी भी इमरजेंसी में किस प्रकार से मरीजों को अस्पताल में इलाज मिल पाएगा। मॉक ड्रिल (Mock Drill) के दौरान अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के आने-जाने, एडमिट करने और इसके साथ में जो ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) हमीदिया में बनाए गए हैं उनकी पूरी तरह से चुस्त तंदरुस्त किया गया।
'बीजेपी' के नियंत्रण में है कोरोना वायरस: मंत्री विश्वास सारंग
तैयारियों और मॉक ड्रिल को लेकर के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग नहीं है, कहा कि पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस की अभी नियंत्रण में है। मगर मैं उसके बाद भी यह अपील करता हूं कि हम सभी कोविड-19 प्रिय जेवियर का पालन करें, मास्क लगाएं बेवजह की भीड़ इकट्ठा ना करें। हम सभी को अनुशासन का पालन करना होगा।
गाइडलाइंस का पालन करें सभी: बीजेपी
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि कि 29 दिसंबर को उनके जन्मदिन के दिन वह नहीं मनाएंगे। उन्होंने सभी को वर्ष वाली बधाई देने के लिए भी कहा है। इसके साथ में ही उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की है। हम उसका पालन करेंगे। मोबाइल में हमने सभी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया है।
क्या होती है मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल एक प्रकार की ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए एक बार पहले, एक खास वैसी विपरीत परिस्थिति वाला ढांचा तैयार किया जाता है और उसके बाद उससे लड़ने के लिए बिल्कुल वैसे ही सभी प्रक्रिया की जाती है। जैसे मानो कोई आपातकाल की स्थिति बनी हो। यह पूरी प्रक्रिया संभावित गलतियों और जोखिमों की पहचान करता है।