MP में कोरोना टीकाकरण बना मजाक, ग्वालियर के बाद मुरैना में सामने आई बड़ी लापरवाही

2/10/2021 9:31:26 PM

मुरैना: मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को लेकर लगातार लापरवाही सामने आ रही है। ग्वालियर के बाद अब मुरैना में फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन नहीं लग सकी है। यहां नगर निगम कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लापरवाह दिखा।

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स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम को लौटाई लिस्ट

जानकारी के मुताबिक नगर निगम द्वारा भेजी गई सूची को स्वास्थ्य विभाग ने लौटा दिया है। टीकाकरण अधिकारी के अनुसार नगर निगम के 1157 कर्मचारियों और अधिकारियों के नाम की सूची थी, जिनको कोरोना की वैक्सीन लगाई जानी थी, लेकिन जो लिस्ट भोपाल से भेजी गई थी उस लिस्ट में सभी कर्मचारियों के नाम के आगे एक ही फोन नंबर लिखा हुआ था।

इसके चलते नगर निगम के कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन का टीका नहीं लग पाया। कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर जो लापरवाही इस बार नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिखाई है, उससे भोपाल तक मुरैना नगर निगम को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। कर्मचारियों की सूची तैयार करते समय 1157 लोगों के नाम के सामने केवल 5 मोबाइल नंबर ही बार-बार लिखे गए हैं। इससे साफ जाहिर है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर मुरैना नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारी सजग नहीं दिखाई दे रहे हैं।

जिला अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर पर बुधवार से नगर निगम के 1157 कर्मचारी और अधिकारियों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगना था, जिसके लिए नगर निगम प्रशासन ने सोमवार की देर शाम 1100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों की सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी थी, लेकिन इन लिस्ट में 1157 अधिकारी कर्मचारियों के नाम के आगे डाले गए मोबाइल नंबर गलत थे,

सूची में 5 मोबाइल नंबरों को ही बदल-बदल कर 1157 अधिकारी और कर्मचारियों के नाम के आगे दर्ज किया गया था। इस लापरवाही के पकड़ में आते ही स्वास्थ्य विभाग ने सूची नगर निगम को वापस लौटा दी, और सभी के नंबर सही होने पर ही वैक्सीनेशन होने की बात कही।

बता दें कि ग्वालियर जिले में भी वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में अधिकारियों की लापरवाही देखने को मिली थी. जयारोग्य अस्पताल के 7 बूथों पर 940 वर्करों में से बीते सोमवार को कोरोना का टीका नहीं लग पाया था। वहां भी स्वास्थ्य विभाग के पास जो लिस्ट पहुंची थी उसमें सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स का मोबाइल नंबर एक ही लिखा था। इस कारण न तो उनके पास कोई मैसेज आया और ना ही वेरिफिकेशन के समय नंबर मिल पाए। इससे जाहिर होता है कि मध्य प्रदेश में अधिकारी वैक्सीनेशन को लेकर कितने गंभीर हैं।


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Content Writer

shahil sharma

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